कॉल मनी मार्केट में ब्याज दरें कम आने वाले दिनों में नरम हो सकती हैं। यह इसलिए संभव है क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों को रकम स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) में रखने के बजाय ओवरनाइट मार्केट में उधार देने की नसीहत दी है। कॉल मनी मार्केट में बहुत अल्प अवधि के लिए रकम उधार दी जाती है।
नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) में अतिरिक्त बढ़ोतरी की घोषणा के बाद 10 अगस्त से भारित औसत कॉल दर (वेटेड एवरेज कॉल रेट्स) मोटे तौर पर रोपो दर से अधिक रही है। भारित औसत कॉल दर पर आरबीआई बैंकों को सरकारी प्रतिभूतियों के बदले ऋण देता है। रीपो दर इस समय 6.50 प्रतिशत है। शुक्रवार को वेटेड एवरेज कॉल रेट 6.74 प्रतिशत थी। एसडीएफ दर कॉल मनी रेट से कम यानी 6.25 प्रतिशत के स्तर पर है।
मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद संवाददाता सम्मेलन में दास ने कहा, ‘अगर बैंकों के पास अधिशेष रकम उपलब्ध है तो वे अंतर-बैंक कॉल मार्केट में उधार देने में इस्तेमाल करें न कि एसडीएफ में कम दरों पर जमा करें। उन्होंने कहा कि कॉल मनी मार्केट में अधिक लेनदेन से अंतर-बैंक मनी मार्केट को परिपक्व बनाने में मदद मिलेगी।‘
कारोबारियों को लग रहा है कि इस कदम से वेटेड कॉल एवरेज कॉल रेट में लगभग 20 आधार अंक की कमी आ सकती है। इसका नतीजा यह होगा कि इस व्यवस्था से ट्रेजरी बिल पर प्रतिफल कम हो सकता है और दो वर्ष की परिपक्वता अवधि तक के बॉन्ड भी प्रभावित हो सकते हैं।
दास ने कॉल रेट के मौजूदा स्तर पर नाखुशी भी जाहिर की। उन्होंने कहा कि बैंक न केवल सीमांत स्थायी सुविधा (मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी) का सहारा ले रहे हैं बल्कि वे एसडीएफ में रकम भी जमा कर रहे हैं।
एक कारोबारी ने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि नकदी की स्थिति संतुलित नहीं है।
एसडीएफ के अंतर्गत कम ब्याज पाने के बजाय बैंकों को अंतर-बैंक कॉल मार्केट में उधारी देने पर अधिक ध्यान देना चाहिए। इसका यह भी मतलब है कि वेटेड एवरेज कॉल रेट में कमी आएगी। अगर यह लगातार 10-15 आधार अंक भी कम होती है तो लघु अवधि के सरकारी बॉन्ड पर भी प्रतिफल में कमी आएगी।‘
संवाददाता सम्मेलन में दास ने कहा कि बैंकों ने एमएसएफ के माध्यम से 80,000 करोड़ रुपये उधार लिए हैं, जबिक एसडीएफ में कुल जमा रकम 56,000 करोड़ रुपये है।
सोमवार को सरकारी बॉन्ड पर प्रतिफल अधिक रह सकते हैं क्योंकि दास के इस बयान के बाद बाजार में उत्साह फीका पड़ गया है कि आरबीआई नकदी जुटाने के लिए खुला बाजार परिचालन (ओएमओ) का सहारा ले सकता है। बॉन्ड कारोबारियों का कहना है कि अमेरिकी ट्रेजरी बिल में बढ़ोतरी से प्रतिफल और उछल सकता है।
एक दूसरे कारोबारी ने कहा, ‘बॉन्ड बाजार के लिए बढ़त बनाना काफी कठिन हो सकता है। मुझे तो बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है। अधिक से अधिक प्रतिफल में 4-5 आधार अंक का सुधार आ सकता है।‘शुक्रवार को सरकारी बॉन्ड पर प्रतिफल सात महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। 10 वर्ष की अवधि के सरकारी बॉन्ड पर प्रतिफल 7.34 प्रतिशत हो गया था।