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कॉरपोरेट बॉन्ड फंडों की ओर कदम

कॉरपोरेट बॉन्ड फंडों में निवेश सितंबर 2024 में तेजी से उछलकर कई साल के उच्चतम स्तर 5,039 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। अक्टूबर में निवेशकों ने 4,644 करोड़ रुपये और निवेश किए।

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- December 09, 2024 | 10:37 PM IST

हाल के महीनों में कॉरपोरेट बॉन्ड फंडों में निवेश कई वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। अल्पावधि के लिहाज से एएए रेटिंग वाले कॉरपोरेट बॉन्ड में जोखिम-प्रतिफल सरकारी प्रतिभूतियों की तुलना में काफी सुधरा है।

कॉरपोरेट बॉन्ड फंडों में निवेश सितंबर 2024 में तेजी से उछलकर कई साल के उच्चतम स्तर 5,039 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। अक्टूबर में निवेशकों ने 4,644 करोड़ रुपये और निवेश किए। नवंबर में लगभग 2,200 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश को शामिल करते हुए तीन महीने का आंकड़ा बढ़कर 11,883 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। विशेषज्ञों के अनुसार कॉरपोरेट बॉन्ड पर उच्च प्रतिफल की पेशकश और सरकारी प्रतिभूतियों में तेजी को देखते हुए कॉरपोरेट बॉन्ड फंडों में निवेश आया है, खासकर छोटे से मध्यम निवेश अवधि का नजरिया रखने वाले लोगों से।

लेखक और कॉरपोरेट ट्रेनर (वित्तीय बाजार) जयदीप सेन ने कहा कि इस समय कॉरपोरेट बॉन्ड में निवेश करने में समझदारी है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके पास निवेश की अवधि कम है। दर में कटौती से जहां सरकारी प्रतिभूतियों को अधिक लाभ मिलता है, वहीं कॉरपोरेट बॉन्ड को ‘स्प्रेड’ का लाभ मिलता है। एएए कॉरपोरेट बॉन्डों की ओर से पेश प्रतिफल लगभग 50 आधार अंक ज्यादा है। 5 वर्षीय सरकारी प्रतिभूतियों पर प्रतिफल 2024 की शुरुआत के 7.14 फीसदी से घटकर अब 6.66 फीसदी रह गया है। इस अवधि में 5 साल के कॉरपोरेट बॉन्ड का बेंचमार्क यील्ड 7.47 फीसदी से बढ़कर 7.8 फीसदी पर पहुंच गया है।

बड़ौदा बीएनपी पारिबा म्युचुअल फंड के सीआईओ (निश्चित आय) प्रशांत पिंपल ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में मुख्य रूप से वैश्विक बॉन्ड सूचकांकों में भारत के शामिल होने के बाद काफी निवेश आने के कारण भारत का सॉवरिन कर्व ठीक हो गया है। हालांकि कॉरपोरेट बॉन्ड में उतना निवेश नहीं देखा गया। इसके अलावा पुराने के बदले नए कॉरपोरेट बॉन्ड जारी होने से आपूर्ति बढ़ी और इस आपूर्ति में सामान्य क्रेडिट ग्रोथ के लिए जारी होने वाले कॉरपोरेट बॉन्ड भी जुड़े। परिणामस्वरूप पिछले कुछ वर्षों में विशेष रूप से एएए-रेटेड वाले सेगमेंट में औसत स्प्रेड में ज्यादा इजाफा हुआ।

वित्तीय वर्ष 2025 की पहली छमाही में कॉरपोरेट बॉन्ड के जरिये जुटाई गई रकम पिछले वर्ष की समान अवधि के 4.7 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 6 फीसदी बढ़कर 4.98 लाख करोड़ रुपये हो गई। ट्रस्ट एमएफ में निश्चित आय प्रमुख जल्पन शाह के अनुसार बैंकिंग तरलता में सुधार और दरों में अपेक्षित कटौती से कॉरपोरेट बॉन्ड निवेशकों को लाभ होने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि मौजूदा परिदृश्य में जहां वृद्धि की गति कमजोर है वहीं आने वाले महीनों में महंगाई कम होने की संभावना है। मौद्रिक नीति समिति अगले साल ब्याज दरों में कमी कर सकती है और बैंकिंग प्रणाली में टिकाऊ नकदी डाल सकती है जिससे कॉरपोरेट बॉन्ड फंड श्रेणी को लाभ मिलने की संभावना है। यही कारण है कि हमने कॉरपोरेट बॉन्ड फंड श्रेणी में मजबूत निवेश देखा है।

2024 में ज्यादा सरकारी प्रतिभूतियों के आवंटन वाले डेट फंड रिटर्न के चार्ट में अग्रणी रहे हैं। क्रेडिट जोखिम फंडों को छोड़कर लंबी अवधि के फंड एक साल की अवधि में 12.4 फीसदी के औसत रिटर्न के साथ रिटर्न की सूची में सबसे ऊपर हैं।

लंबी अवधि के फंड काफी हद तक सरकारी प्रतिभूतियों और राज्य विकास ऋण (एसडीएल) में निवेश करते हैं। गिल्ट फंडों ने भी एक साल की अवधि में दो अंकों में रिटर्न दिया है। कॉरपोरेट बॉन्ड फंडों ने औसतन 8.76 फीसदी का रिटर्न दिया है।

First Published : December 9, 2024 | 10:31 PM IST