रेपो रेट में बढ़ोतरी से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना प्रबल हो गयी है। ऐसे में सबसे अधिक प्रॉपर्टी उद्योग के प्रभावित होने की आशंका है।
हालत ऐसी है कि प्रॉपर्टी उद्योग से जुड़े बड़े-बड़े बिल्डरों ने अपनी आगामी कार्ययोजना की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। इंडियन बैंक के प्रवक्ता ने बताया कि रेपो रेट के बढ़ने के बाद बैंकों ने अपनी ब्याज दरों पर विचार करना शुरू कर दिया है। और अगले दो दिनों में स्थिति साफ हो जाएगी।
विभिन्न बैंकों ने भी गुरुवार की सुबह इस बात के संकेत दिए हैं कि ब्याज की दरों में बढ़ोतरी की जा सकती है। बैंक सूत्रों का कहना है कि ब्याज दरों में अधिकतम एक फीसदी तक की बढ़ोतरी होगी। इधर प्रॉपर्टी बाजार के बड़े खिलाड़ी भी इस बढ़ोतरी को इस बार निश्चित मान रहे हैं। टीडीआई समूह के चेयरमैन रविंद्र तनेजा कहते हैं, ‘ब्याज दरों की बढ़ोतरी का ठीकठाक नकारात्मक असर पड़ेगा।
उनके मुनाफे में भारी गिरावट होगी और नए ग्राहकों की संख्या में भी कमी होगी। वे कहते हैं कि मकान खरीदने वालों पर इसका सीधा असर पड़ेगा जिससे उनकी बिक्री प्रभावित होगी। प्रॉपटी बाजार को अब अच्छे दिनों के इंतजार के अलावा और कोई चारा नहीं है।’ नाइट फ्रैंक इंडिया के पूर्व निदेशक (नार्थ) जयंत वर्मा कहते हैं, ‘प्रॉपर्टी बाजार पहले से ही गिरा पड़ा है अब यह और गिर जाएगा।
अभी यह कहना काफी मुश्किल है कि कितने प्रतिशत की गिरावट आएगी। लेकिन इतना तय है कि नए ग्राहक बिल्कुल रुक जाएंगे और ब्याज दरों में कटौती का इंतजार करेंगे। पिछले दो-तीन सालों में ब्याज दरों में काफी उतार-चढ़ाव हुआ है। इसलिए ग्राहक को इस बात का लोभ होता है कि शायद फिर से दरों में कमी हो जाए।’
सेंचुरी 21 इंडिया के सीएमडी देवेंद्र गुप्ता थोड़ी अलग राय रखते हैं। वे कहते हैं, ‘ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर रिहायशी इलाकों के प्रॉपर्टी बाजार पर जरूर असर पड़ेगा, लेकिन व्यावसायिक इलाकों की प्रॉपर्टी पर इसका असर नहीं होगा।