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डेबिट और क्रेडिट कार्ड के लेनदेन को बनाना है सुरक्षित तो कराएं कार्ड टोकेनाइज़ेशन

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 4:23 PM IST

डेबिट और क्रेडिट कार्ड से लेनदेन की प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए रिजरिव बैंक ऑफ इंडिया ने कार्ड टोकेनाइज़ेशन की शुरुआत की थी। RBI ने अब इसकी समयसीमा बढ़ा कर 30 सितंबर कर दी है।  RBI ने 30 सितंबर से डेबिट और क्रेडिट कार्ड के ऑनलाइन, प्‍वाइंट ऑफ सेल और इन-एप्‍स ट्रांजैक्‍शंस के लिए यूनिक टोकन को अनिवार्य कर दिया है। 
क्या है कार्ड का टोकेनाइज़ेशन
टोकेनाइजेशन वास्‍तविक क्रेडिट कार्ड की जानकारियों की जगह इस्‍तेमाल किया जाने वाला एक कोड है जिसे टोकन कहते हैं। टोकेनाइज्‍ड कार्ड से लेनदेन ज्‍यादा सुरक्षित माना जाता है क्‍योंकि कार्ड से होने वाले लेन-देन के दौरान कहीं भी डेबिट या क्रेडिट कार्ड्स की वास्‍तविक जानकारी मुहैया नहीं की जाती है।
कैसे कराएं कार्ड का टोकेनाइजे़शन?
अगर आप अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड को टोकेनाइज करवाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको टोकेन रिक्‍वेस्‍टर द्वारा उपलब्‍ध कराए जाने वाले एप पर आवेदन करना होगा। टोकेन रिक्‍वेस्‍टर आपके इस आवेदन को कार्ड नेटवर्क को फॉरवार्ड करेगा। फिर, कार्ड जारी करने वाले बैंक या एनबीएफसी की अनुमति ली जाएगी। इसके बाद आपको कंबिनेशन ऑफ कार्ड, टोकेन रिक्‍वेस्‍टर और डिवाइस के हिसाब से एक टोकेन दिया जाएगा।
टोकेनाइजेशन के लिए नहीं देना होगा कोई शुल्‍क?
डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड के टोकेनाइजेशन के लिए कोई भी फीस जमा करने की जरुरत नहीं है। 
क्‍या कार्ड का टोकेनाइजेशन अनिवार्य है?
कार्ड के टोकेनाइजेशन के लिए किसी तरह की कोई बाध्यता नहीं है। कार्ड का टोकेनाइज़ेशन करवाना या न करवाना ग्राहक की इच्‍छा पर है। अगर आप कार्ड का टोकेनाइजेशन नहीं करवाना चाहते तो भी आप पहले की तरह ही अपने कार्ड का इस्तेमाल और लेन-देन जारी रख सकते हैं।

First Published : August 23, 2022 | 2:31 PM IST