वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 24 की सितंबर तिमाही के लिए लघु बचत दरों में बढ़ोतरी कर दी है। यह बढ़ोतरी 1 साल, 2 साल और 5 साल की आवर्ती जमा पर की गई है। शेष ब्याज दरें यथावत रखी गई हैं। बैंकों में जमाओं पर बढ़ती ब्याज दरों के बीच यह कदम उठाया गया है।
वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, सबसे ज्यादा 0.3 प्रतिशत ब्याज 5 साल के आवर्ती जमा (आरडी) पर बढ़ाया गया है। इससे चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आवर्ती जमा धारकों को 6.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा जो अब तक 6.2 प्रतिशत था। ब्याज दरों की समीक्षा के बाद डाकघरों में एक साल की सावधि जमाओं (एफडी) पर ब्याज 0.1 प्रतिशत बढ़कर 6.9 प्रतिशत मिलेगा।
वहीं दो साल की सावधि जमा पर ब्याज अब 7.0 प्रतिशत होगा जो अब तक 6.9 प्रतिशत था। हालांकि तीन साल और पांच साल की सावधि जमाओं पर ब्याज को क्रमश: 7.0 प्रतिशत और 7.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है।
निवेशकों के बीच लोकप्रिय सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पीपीएफ में जमा राशि पर ब्याज को 7.1 प्रतिशत और बचत खाते में जमा पर ब्याज को 4.0 प्रतिशत पर बनाए रखा गया है।
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) पर भी एक जुलाई से 30 सितंबर, 2023 तक के लिए ब्याज को 7.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। बालिकाओं के लिए बचत योजना सुकन्या समृद्धि योजना पर भी ब्याज दर 8.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित है। वरिष्ठ नागरिक बचत योजना और किसान विकास पत्र पर ब्याज क्रमश: 8.2 प्रतिशत और 7.5 प्रतिशत रहेगा।
इसके पहले, जनवरी-मार्च तिमाही के साथ-साथ अप्रैल-जून तिमाही में भी लघु बचत योजनाओं पर ब्याज बढ़ाए गए थे।