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बैंकों को ब्याज दरों में कमी करनी चाहिए: भोई

Last Updated- December 10, 2022 | 1:41 AM IST

मंदी से निपटने के लिए ब्याज दरों में और कमी करने का फैसला बैंकों को करना चाहिए। 

केन्द्र सरकार अपनी वित्त नीति में सुधार करके मंदी से निपटने के और कदम उठा सकती है लेकिन मौजूदा आर्थिक संकट से निपटने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अब अपनी मौद्रिक नीति में ज्यादा बदलाव नहीं कर सकता है।
भोई ने कहा कि वैश्विक आर्थिक संकट के कारण भारत में भी पैदा हुए आर्थिक संकट से निपटने के लिए आरबीआई ने पिछले कुछ महीनों में अपनी मौद्रिक नीतियों में काफी बदलाव करके बाजार में तरलता प्रदान की है।
बाजार में तरलता की समस्या न खड़ी हो इसके लिए केन्द्रीय बैंक ने पिछले तीन महीनों में लगभग चार लाख करोड़ रुपये बाजार में उतारने की व्यवस्था भी की हैं। लेकिन अब आरबीआई की मौद्रिक नीति में ज्यादा बदलाव नहीं किये जा सकते हैं।
भोई ने कहा कि हांलाकि बैंकों को ब्याज दरों में अभी और कमी करनी चाहिए। ब्याज दरों में कमी सभी तरह की ब्याजों में होनी चाहिए। उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार वित्त नीति में बदलाव करके बाजार के लिए कुछ पैकेज दे सकती है जैसा कि सरकार ने अभी कुछ दिनों पहले किया भी है।
मौद्रिक नीतियों में बदलाव से लगभग इनकार किये जाने और गेंद केन्द्र सरकार के पाले में फेंकने पर अर्थशास्त्री चन्द्र मोहन जोशी ने कहा कि अंतरिम बजट ने भी उद्योग जगत को निराश किया है और अब चुनाव नजदीक होने की वजह से सरकार ज्यादा कुछ कर भी नहीं पाएंगी। लगभग अगले 6 महीने तक स्थिति ज्यों का त्यों बनी रह सकती है।

First Published - February 19, 2009 | 9:40 PM IST

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