एजीएस ट्रांजैक्ट टेक्नॉलजीज में नकदी की समस्या से प्रभावित एटीएम सेवा वाले कुछ बैंक अपनी नकदी प्रबंधन सेवाओं के लिए दूसरे सेवा प्रदाताओं की सेवाएं ले सकते हैं। इस मामले के जानकारों के अनुसार बैंक अपने ग्राहकों के लिए असुविधाएं कम करने के लिए ऐसा कदम उठा सकते हैं।
एजीएस ट्रांजैक्ट टेक्नॉलजीज देश में 32,151 एटीएम को नकदी प्रबंधन सेवा मुहैया करवाती है। कंपनी रोजाना औसतन 1,933 करोड़ रुपये की नकदी उपलब्ध कराती है। लेकिन कंपनी और इसकी सहायक इकाई सिक्योरवैल्यू इंडिया लिमिटेड (एसवीआईएल) ने नकदी की तंगी की वजह से कुछ बकाया उधारी के भुगतान में चूक किया है। एजीएस भारत की दूसरी सबसे बड़ी एटीएम सर्विसिंग और नकदी प्रबंधन कंपनी है और इसका कारोबार 2,200 शहरों और कस्बों में है। एजीएस के ग्राहकों में आईसीआईसीआई बैंक, येस बैंक, ऐक्सिस बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नैशनल बैंक, फेडरल बैंक, धनलक्ष्मी बैंक, उत्कर्ष स्मॉल फाइनैंस बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और कई अन्य बैंक शामिल हैं।
येस बैंक ने अपनी वेबसाइट के जरिये ग्राहकों को सूचित किया है कि अभी उसके कुछ एटीएम काम नहीं कर रहे हैं। कई अन्य बैंकों की एटीएम सुविधा भी बाधित हो चुकी है। इनमें आईसीआईसीआई बैंक और ऐक्सिस बैंक शामिल हैं। इस बारे में ऐक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और येस बैंक से सवाल पूछे गए थे लेकिन बिज़नेस स्टैंडर्ड को कोई जवाब नहीं मिला। घरेलू रेटिंग एजेंसियों में क्रिसिल और इंडिया रेटिंग्स ने कंपनी की दीर्घावधि बैंक सेवाओं की रेटिंग घटाकर ‘डी’ कर दिया है। इसकी वजह दिसंबर 2024 से जनवरी 2025 की अवधि के दौरान सावधि ऋण और बिल डिस्काउंटिंग सुविधा पर ब्याज और दायित्वों के भुगतान में देरी को बताया गया है। रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘क्रिसिल रेटिंग्स का मानना है कि ग्राहकों के सेवा स्तर समझौते (एसएलए) न हो पाने के कारण कंपनी को प्राप्त होने वाली नकदी का संग्रह बीते 2-3 महीनों में तेजी से गिरा है।’