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दस अरब डॉलर का नया इस्लामिक निवेश बैंक

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 1:40 AM IST

खाड़ी देशों के निवेशक दस अरब डॉलर का नया इस्लामिक इन्वेस्टमेंट बैंक शुरू करने जा रहे हैं।
बैंक के अधिकारियों के मुताबिक उनकी योजना चौथी तिमाही में शरिया आधारित संस्थानों को आकर्षित करने के लिए तीन अरब डॉलर का आईपीओ लाने की है।
यूनियन ऑफ अरब बैंक्स के चेयरमैन और अल बराका बैंकिंग ग्रुप के चीफ एक्जिक्यूटिव अदनान अहमद यूसिफ दुबई में हुई एक बैंकिंग कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि बैंक शुरू करने के लिए संस्थापक शेयरधारक बनाने का काम अंतिम चरण में है।
यूसिफ ने बताया कि इस साल के आखिरी तक प्राइवेट प्लेसमेंट और आईपीओ का काम हो जाएगा। उन्होने बताया कि आईपीओ तीन अरब डॉलर का होगा और यह बहरीन और दुबई में सूचीबध्द होगा। यह चौथी तिमाही में नैसडैक दुबई में लिस्ट होगा।
दुनिया भर के 1.3 मुस्लिम आबादी की ओर से शरिया आधारित निवेश की मांग लगातार बढ़ रही है और इस्लामी कानून के अनुकूल संपत्ति करीब 70 करोड़ से एक खरब डॉलर के बीच आंकी गई है। इस्लाम के तहत ब्याज कमाना, जुआ, पोर्नोग्राफी और शराब जैसे सेक्टरों में निवेश वर्जित है और यह भी कि कारोबार का जोखिम और लाभ दोनों की उससे जुड़े लोगों में बराबर बराबर बांटा जाना चाहिए।
बैंक अल बराका के चेयरमैन शेख सालेह अबदुल्ला कमेल द्वारा प्रवर्तित है और इसके लिए खाड़ी के निजी और अर्ध्द सरकारी निवेशको से 3.5 अरब डॉलर की रकम जुटाई जा चुकी है। इस साढ़े तीन अरब में से एक अरब डॉलर की रकम प्रबंधन की ओर से आई है। सालेह के मुताबिक चौथी तिमाही में हम पूरी तरह तैयार हो चुके होंगे।
सालेह के मुताबिक नए संस्थान में अभी तक दस शेयरहोल्डर हैं जिसमें इस्लामिक डेवेलपमेंट बैंक, साउदी इन्वेस्टमेंट बैंक और कुवैत रियल एस्टेट बैंक शामिल हैं। पहले बैंक को पहली तिमाही में ही शुरू करने की योजना थी लेकिन जारी अंतरराष्ट्रीय मंदी के चलते ज्यादातर निवेशक अपनी पोजीशन पर पुनर्विचार कर रहे थे।
उन्होने कहा कि बैंक निवेश के लिए और क्षेत्र के लिए विकास के लिए शुरू किया जा रहा है। उन्होने बताया कि इस बैंक का नाम अल-इस्तिखल्फ या फिर अल एमार होगा।

First Published : April 21, 2009 | 8:35 AM IST