मताधिकार में बदलाव, बदल सकता है आपका भविष्य

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 7:00 AM IST

निवेशकों को एक नए तरह के शेयरों- विशेषक मताधिकारी के साथ शेयर- के लिए तैयार हो जाना चाहिए।


टाटा मोटर्स ने इसे इस साल मई में कंपनी को जगुआर और लैंड रोवर के अपने सौदे को 2 हजार करोड़ रुपये बतौर फंड मुहैया कराने के लिए पेश किया था। टाटा समूह के बाद ऐसी उम्मीद है कि कई और कंपनियां भी जल्द ही इस तरह की पेशकश अपने शेयरधारकों के सामने ला सकती हैं।

विशेष मताधिकार शेयर की विशेषताएं

इन शेयरों की विशेषताएं आम इक्विटी होल्डिंग्स से अलग होते हैं, जिसमें मान लिया जाता है कि शेयरधारक कंपनी में हिस्सेदार है। और इस मालिकाना हक के साथ निवेशक को कंपनी के मामलों में मत देने का भी अधिकार मिलता है।

ऐसा अधिकतर कंपनी की आम बैठकों (आम वार्षिक बैठक और विशेष आम बैठक) में या पोस्टल बैलेट के जरिये किया जाता है। इस नई श्रेणी का इस्तेमाल कंपनियां बखूबी कर सकती हैं, जो शेयर बाजारों में सूचीबध्द हों और वे अपने मताधिकारों में बहुत ज्यादा अंतर किए बिना अधिक पैसा उगाहना चाहती हैं।

इन शेयरों की जरूरत

दुनियाभर में विशेष मताधिकार वाले शेयर काफी आम हैं। इनका इस्तेमाल प्रबंधन कंपनी पर अपना नियंत्रण बनाए रखने के लिए काफी प्रभावकारी तरीके से करता है। विशेष मताधिकार वाले शेयरों को विभिन्न वर्गों में वर्गीकृत किया गया है, ताकि उनमें निवेश आसानी से अंतर कर सकें।

जो कंपनी पर नियंत्रण रखते हैं उनके पास बहुत कम मात्रा में शेयर होते हैं, लेकिन उनके पास मताधिकर काफी अधिक होता है, जिससे उन्हें प्रभावशाली नियंत्रण मिलता है। ओरियंट एक्सप्रेस इसका बेहतर उदाहरण है, जहां नियंत्रक शेयरधारकों के पास इस तरह के शेयर हैं। मताधिकार का इस्तेमाल अधिग्रहण की धमकियों से लड़ने के लिए किया जाता है।

विशेष मताधिकार के तहत कंपनी की ओर से जारी शेयरों के साथ निवेशक के पास अधिक या कम मताधिकार की ताकत हो सकती है। उदाहरण के लिए, एक कंपनी के पास ऐसे शेयर हो सकते हैं, जिसमें 5 शेयरों पर एक मताधिकार हो। इस तरह के मामले में एक निवेशक जिसके पास 100 शेयर हैं उसके पास कंपनी के पूरे ढांचे में सिर्फ 20 मत होंगे।

विशेष शेयरों के बाजार का खेल

साथ ही अगर इन शेयरों से मताधिकार कम होता हो, हो सकता है कि वे शेयर अलग-अलग कीमतों पर भी मिल रहे हों। और जबकि कंपनी के शेयरों की मौजूदा कीमत विभन्न शेयर बाजारों में लेन-देन की कीमत हो तब निवेशकों को ये शेयर कम कीमतों पर भी जारी किए जा सकते हैं।

शेयरधारकों के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वे इनमें अंतर कर सकें। इसके अलावा निवेशकों के लिए यह भी महत्वपूर्ण है कि उन्हें यह नहीं मान लेना चाहिए उन्हें जिस कीमत पर शेयर जारी किए गए हैं और शेयरों की बाजार कीमत में अंतर पर लाभ मिलेगा।

शेयरधारक रखें ध्यान

अहम है कि शेयरधारकों को यह जानकारी होनी चाहिए कि उन्हें बाजार में कैसे इन शेयरों का कारोबार करना है। उन्हें शेयरों को वर्ग क, वर्ग ख ……… में वर्गीकृत करना चाहिए ताकि निवेशक उनके शेयरों की स्थिति में अच्छे से अंतर कर पाए। इसी के साथ शेयरों की सही कीमत लगाने में भी मदद मिलेगी।

निवेशकों को चेतावनी

इस तरह के शेयर पूरी तरह से ऐसे निवेशकों को ध्यान में रखते हैं, जो अपने निवेश से लाभांश के साथ-साथ पूंजी लाभ कमाने में ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं। अधिकतर मामले में छोटे निवेशक मुश्किल से ही कभी अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर पाते हैं, जबकि इनमें से कई ऐसे भी निवेशक होते हैं, जिन्हें यह भी पता नहीं होता कि मतदान और कंपनी की गतिविधियों को प्रभावित करने के लिए उन्हें आखिर करना क्या है।

ऐसी स्थिति में शेयर ऐसे कई निवेशकों को अपनी और आकर्षित करते हैं, जो इनसे मुनाफा कमा सकते हैं। लेकिन सही स्थिति का तभी पता चालता है जब इस तरह के मामले बाजार को प्रभावित करते हैं।

First Published : June 23, 2008 | 12:32 AM IST