लोकसभा चुनाव

पूरी आजादी से फैसले नहीं ले पाएगी गठबंधन सरकार

मूडीज के विश्लेषकों ने कहा कि राजनीतिक स्थिरता की कमी और मुद्दों पर आम सहमति बनाने के लिए संघर्ष की स्थिति से निकट भविष्य में निवेशकों का भरोसा कमजोर पड़ सकता है।

Published by
रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- June 07, 2024 | 11:15 PM IST

भारत जैसे देश के लिए गठबंधन सरकार अच्छी चीज हो सकती है, लेकिन प्रशासन के इस ढांचे में नीतिगत मामलों में निर्णय लेने की गति धीमी पड़ने की आशंका रहती है। मूडीज (Moody’s) के विश्लेषकों का मानना है कि गठबंधन सरकार में भाजपा (BJP) की प्रमुख नीतिगत पहलें कमजोर पड़ सकती हैं।

भारत के चुनावों की समीक्षा पर शुक्रवार को जारी अपनी इस रिपोर्ट में मूडीज का कहना है कि आगामी सितंबर तिमाही में पेश किया जाने वाला केंद्रीय बजट नीतिगत प्राथमिकताओं का आईना होगा।

समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भाजपा की स्थिति बहुत कमजोर हुई है। इससे पूरा राजनीतिक परिदृश्य ही बदल गया है। यह देखना होगा कि गठबंधन में पार्टी किस प्रकार प्रभावी तरीके से शासन चलाती है। आने वाले वर्षों में देश की आर्थिक वृद्धि पर बहुत करीब से नजर रखनी होगी।’

मूडीज के विश्लेषकों ने कहा कि राजनीतिक स्थिरता की कमी और मुद्दों पर आम सहमति बनाने के लिए संघर्ष की स्थिति से निकट भविष्य में निवेशकों का भरोसा कमजोर पड़ सकता है। मूडीज ने कहा कि गठबंधन सरकार यदि प्रभावी ढंग से नीतियां लागू करती है तो इससे कम से कम अगले पांच साल तक भारत के विकास की राह तय हो जाएगी।

चुनाव नतीजों से साफ पता चलता है कि इस वर्ष संसद की स्थिति पूरी तरह बदलने जा रही है। गठबंधन की सहयोगी पार्टियां नीतिगत फैसलों में सबसे अधिक हस्तक्षेप करेंगी। मूडीज के अनुसार चुनाव नतीजों ने ऐसी कई चिंताओं को भी कम कर दिया है कि यदि आम चुनाव में भाजपा को भारी बहुमत मिला तो वह धर्मनिरपेक्षा के खिलाफ जाकर संविधान में संशोधन कर देगी।

चुनाव समीक्षा में कहा गया है, ‘सरकार चलाने के लिए भाजपा को सहयोगियों की कई शर्तें माननी होंगी और अपने स्तर पर कई समझौते भी उसे करने पड़ेंगे। इससे सरकार में फैसले लेने की प्रक्रिया थोड़ी धीमी पड़ने की संभावना है।

रिपोर्ट में चुनाव परिणामों के बाद बाजार की प्रतिक्रिया को भी रेखांकित किया गया है। नतीजे वाले दिन निफ्टी-50 और बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 5 फीसदी से अधिक गिर गए। यह चार साल के दौरान सबसे बड़ी एक दिवसीय गिरावट है।

मूडीज के विश्लेषण में कहा गया है, ‘हालांकि बाजार गोता खाकर बाद में उबर गए, लेकिन वे भविष्य में यह जरूर देखना चाहेंगे कि नई सरकार महंगाई, बेरोजगारी और सामाजिक-आर्थिक स्तर पर बढ़ते विभाजन जैसी चुनौतियों से कैसे निपटेगी।

First Published : June 7, 2024 | 10:10 PM IST