अर्थव्यवस्था

‘दुनिया को अभी हाइड्रोकार्बन की जरूरत’

Published by
शुभायन चक्रवर्ती
Last Updated- February 07, 2023 | 7:05 PM IST

अपने पहले प्रमुख सार्वजनिक संबोधन में COP-28 के मानद अध्यक्ष सुल्तान अल ज़बर ने कहा कि विश्व को अभी हाइड्रोकार्बन की जरूरत है और इसे मौजूदा ऊर्जा व्यवस्था और नई व्यवस्था के बीच पुल बनाए जाने की जरूरत है।

ज़बर ने बेंगलूरु में आयोजित इंडिया एनर्जी वीक के दौरान कहा, ‘जब तक हम नई व्यवस्था नहीं लाते, मौजूदा ऊर्जा की व्यवस्था को हटा नहीं सकते हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि कम से कम कार्बन इंटेंसिव बैरल्स में निवेश करने और इसकी तीव्रता घटाने की जरूरत है।
ज़बर की सालाना वैश्विक सम्मेलन सीओपी28 में नियुक्ति विवादास्पद रही है क्योंकि वह अबू धाबी नैशनल ऑयल कंपनी (एननॉक) के प्रमुख हैं, जो विश्व की बड़ी तेल कंपनियों में से एक है।

ज़बर ने कहा, ‘ऊर्जा के एक जिम्मेदार एवं विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में काम करना और समावेशी सतत विकास के रूप में बढ़ावा देना संयुक्त अरब अमीराज का प्रमुख सिद्धांत रहा है। हम इस साल के अंत में सीओपी 28 की मेजबानी करने की तैयारी कर रहे हैं, ऐसे में यह सिद्धांत हमारे जलवायु और हमारी अर्थव्यवस्था में बदलाव को लेकर वैश्विक आम सहमति बनाने की कवायद करेगा।’

ज़बर ने इन कार्यों में भारत को समर्थन देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, ‘हम पूरी दुनिया की बात को सक्रियता से सुनेंगे और मिलकर काम करेंगे। मैं इस बात से बेहद खुश हूं कि इस महान देश में इसका पहला पड़ाव पड़ा है। इस बदलाव में भारत की भूमिका अहम है।’ उन्होंने कहा कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और जल्द ही यह विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा।

अपनी विदेश नीति का उल्लेख करते हुए ज़बर ने कहा कि यूएई एशिया पर अपना ध्यान बनाए रखेगा। उन्होंने कहा कि चल रहे युद्ध, मंदी के डर, कोविड-19 से उबरने की कवायद के बीच स्वच्छ ईंधन में वैश्विक निवेश बढ़कर 1 लाख करोड़ डॉलर पहुंच गया है। इसमें और बढ़ोतरी का अनुमान है।  इसमें नई बढ़ोतरी एशिया की गतिशील अर्थव्यवस्थाओं से संचालित होगी।

First Published : February 7, 2023 | 6:44 PM IST