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भारतीय कॉरपोरेट कार्य संस्थान (IICA), जो कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के अधीन है, ने मेघालय के न्यू शिलॉंग टाउनशिप में पाँच एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया है। यह भूमि IICA के पहले क्षेत्रीय परिसर के लिए ली गई है। भूमि का विधिवत हस्तांतरण मेघालय सरकार की ओर से के. ह्यनिएवता (संयुक्त सचिव, योजना विभाग) और भारत सरकार की ओर से शेखर श्रीवास्तव (उप सचिव) के बीच संपन्न हुआ। ये जानकारी देते हुए Ministry of Corporate Affairs प्रवक्ता ने बताया कि इस पहल से पूर्वोत्तर भारत में IICA की उपस्थिति सशक्त होगी और सतत विकास तथा कॉरपोरेट गवर्नेंस में गुणवत्ता को नया आयाम मिलेगा।
मुख्य सचिव श्री वाहलांग ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे राज्य की “ज्ञान-आधारित विकास रणनीति” का हिस्सा बताया। उन्होंने बताया कि IICA का नया परिसर Knowledge City Cluster के अंतर्गत स्थित है, जहाँ पहले से ही IIM शिलॉंग, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी मेघालय और NIFT जैसे प्रमुख संस्थान हैं। यह क्षेत्र शैक्षणिक और व्यावसायिक समन्वय का एक नया केंद्र बन रहा है। साथ ही, एक नए हवाई अड्डे के विकास की जानकारी दी गई जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और बेहतर होगी।
यह परियोजना प्रधानमंत्री की उत्तर-पूर्व क्षेत्रीय विकास योजना (PM-DevINE) के तहत ₹100.95 करोड़ के निवेश से क्रियान्वित की जाएगी। नया परिसर कॉरपोरेट गवर्नेंस, ESG, CSR, इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी, कॉम्पिटिशन लॉ और बोर्ड नेतृत्व जैसे विषयों में प्रशिक्षण, अनुसंधान और नीति सलाह देगा।
IICA इस वित्तीय वर्ष के भीतर शैक्षणिक एवं सलाहकार कार्यक्रम शुरू करने की योजना पर कार्य कर रहा है। निर्माण कार्य तुरंत आरंभ किया जाएगा। IICA पूर्वोत्तर में पहले से 300 से अधिक पेशेवरों को प्रशिक्षण दे चुका है और स्वतंत्र निदेशक डेटाबैंक में सभी आठों पूर्वोत्तर राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
IICA शिलॉंग परिसर के माध्यम से स्थानीय विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ सहयोग करेगा ताकि क्षेत्रीय जरूरतों के अनुसार प्रशिक्षण, नीति सहायता और क्षमता निर्माण की पहल की जा सके। इसका उद्देश्य है—जिम्मेदार नेतृत्व, कुशल पेशेवर और नैतिक उद्यमियों को तैयार करना, वह भी पूर्वोत्तर के दिल से।
IICA के महानिदेशक ज्ञानेश्वर कुमार सिंह ने इस अवसर को “ऐतिहासिक” बताया और कहा कि “शिलॉंग परिसर, दिल्ली के बाहर हमारा पहला शिशु है—विकेन्द्रीकरण और सशक्तिकरण का प्रतीक।” उन्होंने इसे आत्मनिर्भर भारत, ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस और विकसित भारत @2047 जैसे राष्ट्रीय लक्ष्यों से जोड़ते हुए इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘राइज़िंग नॉर्थ ईस्ट’ पहल और ‘अष्टलक्ष्मी’ दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए कहा, “IICA अब इस परिवर्तन यात्रा का हिस्सा है, जो पूर्वोत्तर को भारत के विकास इंजन में बदलने की दिशा में अग्रसर है।”
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