भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 3 नवंबर को एक विशेष बैठक बुलाई है। बैठक में मुद्रास्फीति को लगातार तीन तिमाहियों तक 6 प्रतिशत से नीचे रख पाने में नाकामी से जुड़ी रिपोर्ट तैयार की जा सकती है।
आरबीआई ने कहा कि आरबीआई अधिनियम की धारा 45जेडएन के प्रावधानों के अनुरूप एमपीसी की 3 नवंबर को एक विशेष बैठक बुलाई गई है। आरबीआई अधिनियम की इस धारा में प्रावधान है कि मुद्रास्फीति को सरकार की तरफ से तय सीमा के भीतर रख पाने में नाकाम रहने पर केंद्रीय बैंक को इसके बारे में सरकार को रिपोर्ट देनी होती है।
12 अक्टूबर को जारी खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों के अनुसार सितंबर में यह 7.41 फीसदी पर रही। सरकार ने मुद्रास्फीति को चार फीसदी (2 फीसदी घट-बढ़) पर सीमित रखने का लक्ष्य केंद्रीय बैंक को दिया हुआ है। लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद आरबीआई मुद्रास्फीति को 6 फीसदी के भीतर सीमित रख पाने में नाकाम रहा है।
इस साल जनवरी से ही मुद्रास्फीति लगातार 6 फीसदी के ऊपर बनी हुई है। इस तरह आरबीआई लगातार तीन तिमाहियों से अपने मुद्रास्फीति लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम रहा है। लिहाजा वैधानिक प्रावधानों के अनुरूप उसे सरकार को इस पर रिपोर्ट देनी होगी। ऐसा पहली बार हुआ है जब लगातार तीन तिमाही में मुद्रास्फीति सरकार की ओर से लक्ष्य से ज्यादा रही है। आरबीआई ने एमपीसी की यह विशेष बैठक इसी रिपोर्ट को तैयार करने के मकसद से बुलाई है।
