एसएमई में लौटेगी रौनक!

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 7:03 AM IST

मंदी से निपटने के लिए सरकार छोटे-मझोले उद्योगों को राहत देने की तैयारी कर रही है।


इसके तहत वाहन उपकरण निर्माताओं, रसायन, रत्न-आभूषण और कपड़ा कंपनियों को उत्पाद शुल्क में थोड़ी छूट देने पर विचार किया जा रहा है।

सूत्रों का कहना है कि सरकार इन क्षेत्रों को राहत देने के लिए उत्पाद शुल्क में 5 फीसदी तक की कटौती कर सकती है। मौजूदा समय में उत्पाद शुल्क 14 फीसदी है।

सूत्रों का कहना है कि सरकार वस्तुओं की कीमतों में कमी लाने के हर संभव उपाय कर रही है, ताकि इनकी मांग बढ़ सके। दरअसल, मांग बढ़ने से इन क्षेत्रों के विकास के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। सरकार इस क्षेत्र में निर्मित वस्तुओं के निर्यात शुल्क में कटौती का कदम भी उठा सकती है।

हालांकि यह भी जरूरी है कि अगर विदेशी बाजारों में मांग नहीं बढ़ी, तो घरेलू बाजारों में मांग बढ़ाने के लिए उत्पाद शुल्क में कटौती की जाए, जिससे देसी बाजारों में इसकी मांग बढ़ सके।

उल्लेखनीय है कि उत्पाद शुल्क में कटौती के साथ-साथ प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली विशेषाधिकार समिति मांग बढ़ाने के लिए ब्याज दरों पर सब्सिडी, आसान ऋण और कम लागत वाले मकान मुहैया कराने पर भी विचार कर रही है।

इसके साथ ही सरकार बुनियादी ढांचा क्षेत्रों के विकास के लिए 50,000 करोड़ रुपये के फंड की भी व्यवस्था करने पर विचार कर रही है।

दरअसल, इस कदम के जरिए सरकार की मंशा यह भी है कि श्रम आधारित इन क्षेत्रों में मंदी की वजह से लोगों की नौकरियों पर संकट न आए।

यही वजह है कि सरकार कठिन दौर में इन क्षेत्रों की मदद के लिए आगे आ रही है। 18 अरब डॉलर वाले ऑटो पाट्र्स उद्योग इन दिनों संकट के दौर से गुजर रहा है।

दरअसल, ऊंची ब्याज दरों और मंदी की वजह से वाहनों की बिक्री में भारी गिरावट आई है, जिसका असर वाहन उपकरण निर्माता कंपनियों पर भी पड़ा है।

इसी तरह रसायन उद्योग भी बिखर रहा है। मौजूदा समय में देश के कुल रसायन उद्योग का कारोबार करीब 35 अरब डॉलर के है।

यही नहीं, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इस क्षेत्र की भागीदारी 3 फीसदी है। यही नहीं, कुल निर्यात में इस क्षेत्र की हिस्सेदारी 13 से 14 फीसदी है, जबकि आयात में इसकी भागीदारी करीब 8 से 9 फीसदी है।

इस बीच, मंदी की मार झेल रहे कपड़ा उद्योग के लिए फिक्की ने सरकार से स्पेशल पैकेज की मांग की है।

वाहन उपकरण, रसायन, कपड़ा और आभूषण उद्योग को राहत देने की तैयारी

सरकार छोटे-मझोले उद्योगों को उत्पाद शुल्क में कर सकती है 5 फीसदी तक कटौती

घरेलू मांग बढ़ाने और छंटनी से बचने के लिए उठाने होंगे सरकार को ये कदम

First Published : December 4, 2008 | 12:03 AM IST