facebookmetapixel
बाजार खुलते ही 10% चढ़ गया ड्रोन कंपनी का शेयर, ₹107 करोड़ के आर्डर से निवेशकों में खरीदने की होड़Saudi Arabia bus accident: मदीना में दर्दनाक बस हादसा! कई भारतीयों के मारे जाने की आशंका; विदेश मंत्री ने जारी किया बयानभारत करेगा पहली बार US से LPG आयात! 2026 की 10% जरूरत एक ही डील में पूरीक्यों बढ़ रही हैं यील्ड और घट रही है लिक्विडिटी? SBI रिपोर्ट ने विस्तार से बतायाSBI अकाउंट हो तो तुरंत पढ़ें! mCASH बंद होने वाला है, बिना रजिस्ट्रेशन पैसे नहीं भेज पाएंगे₹650 डिस्काउंट पर मिलेगा अदाणी का दिग्गज शेयर! 3 किस्तों में पेमेंट, कंपनी ला रही ₹25,000 करोड़ का राइट्स इश्यूछोटी कारों की CAFE छूट पर उलझी इंडस्ट्री; 15 कंपनियों ने कहा ‘ना’, 2 ने कहा ‘हां’Tenneco Clean Air IPO: तगड़े GMP वाले आईपीओ का अलॉटमेंट आज हो सकता है फाइनल, फटाफट चेक करें ऑनलाइन स्टेटसचीनी लोग अब विदेशी लग्जरी क्यों छोड़ रहे हैं? वजह जानकर भारत भी चौंक जाएगाक्रिमिनल केस से लेकर करोड़पतियों तक: बिहार के नए विधानसभा आंकड़े

13 हवाई अड्डों के निजीकरण को मंजूरी

Last Updated- December 12, 2022 | 1:12 AM IST

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के बोर्ड ने 13 हवाई अड्डों के निजीकरण को मंजूरी दे दी है। यह राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना के तहत सरकार की संपत्ति मुद्रीकरण की पहली प्रमुख पहल है। सरकार ने वित्त वर्ष 2024 तक हवाई अड्डों में 3,660 करोड़ रुपये का निवेश लाने का लक्ष्य तय किया है। 
सूत्रों ने कहा कि एएआई के बोर्ड ने छह प्रमुख हवाई अड्डों- भुवनेश्वर, वाराणसी, अमृतसर, त्रिची, इंदौर, रायपुर और सात छोटे हवाई अड्डों- झारसुगुड़ा, गया, कुशीनगर, कांगड़ा, तिरुपति, जबलपुर और जलगांव के निजीकरण को मंजूरी दे दी है। इन छोटे हवाई अड्ड़ों को प्रमुख हवाई अड्डों के साथ जोड़ा जाएगा ताकि बड़े निवेशकों को लुभाया जा सके। एएआई बोली दस्तावेज तैयार करने के लिए सलाहकार की नियुक्ति करेगा, जो परिचालन अवधि और आरक्षित कीमत तय करेगा। ये बोलियां 2022 की शुरुआत में मंगाए जाने के आसार हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है, जब हवाई अड्डों के निजीकरण में छोटे हवाई अड्डों को बड़ों के साथ जोडऩे का मॉडल इस्तेमाल किया जा रहा है। 

नीति आयोग द्वारा तैयार राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन दस्तावेज में कहा गया है, ‘लाभप्रद हवाई अड्डों के साथ ही गैर-लाभप्रद हवाई अड्डों का निजी क्षेत्र के निवेश एवं भागीदारी से विकास सुनिश्चित करने के लिए छह बड़े हवाई अड्डों के साथ छोटे हवाई अड्डों को जोडऩे और एक पैकेज के रूप में देने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।’
झारसुगुड़ा हवाई अड्डे को भुवनेश्वर के साथ जोड़ा जाएगा। कुशीनगर एवं गया हवाई अड्डों को वाराणसी के साथ, कांगड़ा को अमृतसर के साथ, जबलपुर को इंदौर  के साथ, जलगांव को रायपुर  के साथ और त्रिची को तिरुपति हवाई अड्डे के साथ जोड़ा जाएगा। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने जिन संभावित निवेशकों और सलाहकारों से बात की, उन्होंने कहा कि इन हवाई अड्डों के लिए बोलीदाताओं की भागीदारी अच्छी रहेगी। लेकिन मूल्यांकन पर दबाव रहेगा। उन्होंने कहा कि गया और कुशीनगर के साथ वाराणसी में ज्यादा निवेशक रुचि दिखाएंगे क्योंकि ये तीनों हवाई अड्डे बौद्ध सर्किट पर हैं और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को लुभा सकते हैं। क्रिसिल में निदेशक और प्रैक्टिस लीडर (ट्रांसपोर्ट एवं लॉजिस्टिक्स) जगन्नारायण पद्मनाभन ने कहा, ‘निजीकरण का यह चरण भारत के हवाई अड्डा क्षेत्र में प्रवेश की इच्छुक कंपनियों के लिए आखिरी मौका हो सकता है। इन संपत्तियों पर प्रतिफल सुनिश्चित है, इसलिए मौजूदा कंपनियां नहीं चाहेंगी कि नई कंपनियां आकर प्रतिस्पर्धा बढ़ाएं।’

First Published - September 9, 2021 | 11:38 PM IST

संबंधित पोस्ट