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सरकार प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना का दायरा बढ़ाने की तैयारी कर रही है। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने इसके लिए एक कैबिनेट नोट तैयार करने को लेकर परामर्श की प्रक्रिया शुरू कर दी है। फिलहाल इंटर्नशिप योजना को परीक्षण कार्यक्रम के तौर पर लागू किया गया है।
इस मामले से अवगत लोगों ने बताया कि सरकार कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) से जुड़ी सभी कंपनियों को इस योजना में भाग लेने की अनुमति दे सकती है। फिलहाल इस योजना का दायरा केवल शीर्ष 500 कंपनियों तक ही सीमित है।
सूत्रों ने बताया कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों और पॉलिटेक्निक से आने वाले आवेदकों को प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना में समायोजित करने के लिए उम्र की सीमा भी कम की जा सकती है। इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया, ‘परीक्षण के तौर पर शुरू किए गए दो कार्यक्रमों में से एक अभी भी जारी है। इन कार्यक्रमों से मिली सबक को इंटर्नशिप योजना में शामिल किया जाएगा। इस प्रकार पूर्ण इंटर्नशिप योजना के लिए लक्ष्य एवं आवंटन काफी बड़े हैं।’
उम्मीद की जा रही है कि सरकार सितंबर तक प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना को पूरी तरह शुरू कर सकती है। उसमें परीक्षण के तौर पर शुरू किए गए कार्यक्रमों से मिली जानकारियों को समाहित किया जाएगा।
वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के लिए आवंटन को वर्ष 2024-25 के संशोधित अनुमान 380 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10,831.07 करोड़ रुपये कर दिया गया।
सीएसआर पोर्टल के अनुसार, वर्ष 2022-23 में 24,392 कंपनियां कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व संबंधी कार्यों में लगी हुई थीं। प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत शुरू किए गए परीक्षण कार्यक्रम में पिछले तीन वर्षों के औसत सीएसआर व्यय के आधार पर भाग लेने के लिए शीर्ष 500 कंपनियां ही पात्र हैं।
ये कंपनियां प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना में शामिल होने के लिए आपूर्तिकर्ताओं, ग्राहकों और विक्रेताओं के साथ गठजोड़ भी कर सकती हैं। फिलहाल सरकार ने इस योजना को स्वैच्छिक बनाया है यानी कंपनियां अपनी स्वेच्छा से इस योजना को अपना सकती हैं।
अन्य कंपनियों को इस परियोजना में भागीदार बनने के लिए कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय से अनुमति लेना आवश्यक है। प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना को पिछले साल 3 अक्टूबर को परीक्षण कार्यक्रम के तौर पर शुरू किया गया था ताकि इसे पूरी तरह लागू करने में मदद मिल सके। परीक्षण कार्यक्रम से मिली सीख के आधार पर इस योजना में आवश्यक बदलाव किया जा सकता है।
सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में इस योजना की घोषणा की थी। परीक्षण कार्यक्रम के दौरान स्थान, यात्रा एवं इंटर्नशिप अवधि जैसे तमाम कारकों के कारण इस योजना के प्रति इंटर्न की खास रुचि नहीं दिखी है।
पहले दौर के परीक्षण कार्यक्रम में 1,27,000 से अधिक अभ्यर्थियों को इंटर्नशिप प्रदान की गईं और दूसरे चरण में करीब 1,15,000 को इसकी पेशकश मिली।
एक स्थायी समिति की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल दिसंबर से अब तक पेशकश स्वीकार करने वाले 28,000 से अधिक उम्मीदवारों में
से केवल 8,700 इंटर्नशिप में शामिल हुए।