अर्थव्यवस्था

Manufacturing PMI: विनिर्माण पीएमआई ने ऊंची छलांग लगाई

दिसंबर में पीएमआई आंकड़ा पहुंच गया 26 महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर

Published by
शिवा राजोरा
Last Updated- January 02, 2023 | 11:54 PM IST

विनिर्माण क्षेत्र के लिए देश का पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) दिसंबर में बढ़कर 57.8 पर पहुंच गया, जो 26 महीने का सबसे ऊंचा स्तर है। नवंबर में पीएमआई 55.7 था। एसऐंडपी ग्लोबल द्वारा आज जारी सर्वेक्षण के मुताबिक पिछले दो साल से भी अधिक समय में कारखानों को सबसे ज्यादा ठेके दिसंबर में ही मिले और तभी इसका उत्पादन भी सबसे अधिक रहा। इसी कारण पीएमआई आंकड़ा इतना ज्यादा बढ़ा है। 

सर्वेक्षण के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में विनिर्माण पीएमआई का औसत 56.3 रहा है। इस दौरान कारखानों की कच्चे माल की खरीद बढ़ी है और उन्होंने ज्यादा रोजगार दिया है। सर्वे का आंकड़ा 50 से ऊपर होता है तो विनिर्माण गतिविधियां बढ़ती हैं और 50 से नीचे रहने पर उसमें गिरावट आती है।

सर्वेक्षण के दिसंबर के आंकड़े बताते हैं कि विनिर्माण में मई, 2022 के बाद सबसे तेज इजाफा होने के कारण माल की खरीद अभी और भी बढ़ सकती है। सर्वे में कहा गया है, ‘दिसंबर में भर्तियां बढ़ीं। कंपनियों ने बढ़ती मांग पूरी करने के लिए उत्पादन बढ़ाने के मकसद से अधिक कच्चा माल खरीदा और स्टॉक भी बढ़ाया। कच्चे माल की महंगाई काबू में रही मगर विक्रय मूल्य में तेज बढ़ोतरी की गई।’

एसऐंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में इकनॉमिक्स असोसिएट डायरेक्टर पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि देश के विनिर्माण क्षेत्र ने बेहतरीन विस्तार के साथ 2022 को अलविदा कहा है। उन्होंने कहा, ‘कंपिनयों ने आंकड़ों में सुधार के लिए मजबूत मांग को प्रमुख कारण बताया है। उत्पादन बढ़ाने और भरपूर स्टॉक रखने के लिए कंपनियों ने ज्यादा माल खरीदा और अतिरिक्त कर्मचारी भर्ती किए। कच्चे माल का स्टॉक तो जबरदस्त रफ्तार से बढ़ा।’

विनिर्माताओं ने पिछले ऑर्डर पूरे करने के लिए साल के आखिर में अतिरिक्त भर्ती कीं। लगातार दसवें महीने भर्ती की गईं मगर इस बार इनकी रफ्तार सितंबर के बाद सबसे धीमी रही। भंडार की स्थिति भी दिलचस्प रही। कच्चे माल का भंडार बढ़ा और तैयार माल का स्टॉक घटता रहा।

डी लीमा ने कहा, ‘आपूर्ति श्रृंखला की चुनौतियां कम होने से भी उत्पादन को सहारा मिला। आपूर्ति समय पर होती रही, जिससे कंपनियां जरूरी माल हासिल कर अपना कच्चे माल का स्टॉक बढ़ाती रहीं।’

सर्वेक्षण में कहा गया कि लागत का बोझ दिसंबर में ज्यादा नहीं रहा और सकल महंगाई दर नवंबर से मामूली बदली यानी सितंबर, 2020 के बाद दूसरी सबसे धीमी दर रही। कुछ कच्चा माल सस्ता हुआ, जिससे बाकी माल की बढ़ती लागत की भरपाई हो गई।

विनिर्माण पीएमआई के आंकड़ों के बाद इस हफ्ते सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का पहला अग्रिम अनुमान आने वाला है। इससे पहले दिसंबर में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा था कि तेज वैश्विक मंदी व्यापार और वित्त के जरिये भारत पर असर डालेगी और चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि 6.8 के बजाय 6.1 फीसदी ही रह जाएगी। लेकिन फिच रेटिंग्स ने कहा था कि भारत काफी हद तक सुरक्षित है, इसलिए वह दुनिया की दुर्दशा होने पर भी बचा रह सकता है।

डी लीमा ने कहा कि कुछ लोगों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था की लगातार बिगड़ती संभावनाओं के बीच भारतीय विनिर्माण उद्योग की ताकत पर सवाल उठाया है। मगर देश के विनिर्माताओं को पूरा यकीन है कि वे उत्पादन में इजाफा करते रहेंगे।

First Published : January 2, 2023 | 8:04 PM IST