अर्थव्यवस्था

Luxury Industry: आर्थिक तरक्की को आकार दे रहा लक्जरी क्षेत्र: एक्सपर्ट्स

भारत के पास अपने लक्जरी होटल क्षेत्र में अपनी ताकत पेश करने का अवसर है और यह दुनिया के कुछ बेहतरीन होटल होने से जुड़ी अपनी प्रतिष्ठा का लाभ उठा सकता है।

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नंदिनी सिंह   
Last Updated- March 28, 2024 | 11:49 PM IST

लक्जरी क्षेत्र के दिग्गज विशेषज्ञों ने गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित बिज़नेस स्टैंडर्ड के शिखर सम्मेलन, ‘मंथन’ में भारत की अर्थव्यवस्था में इस क्षेत्र के अहमियत पर चर्चा की। विशेषज्ञों ने कहा कि लक्जरी का संबंध समृद्धि और संपन्नता से है और यह भारत की आर्थिक प्रगति की कहानी को आकार दे रहा है।

डीएलएफ रिटेल की कार्यकारी निदेशक पुष्पा बेक्टर ने कहा कि लक्जरी उद्योग आर्थिक वृदि्ध का उत्प्रेरक है। उन्होंने अन्य विकासशील देशों से तुलना करते हुए कहा कि लक्जरी वास्तव में उपभोक्ता के विकास में विश्वास का प्रतीक है और यह दुनिया की बेहतरीन चीजों को अपनाने की देश की तत्परता को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत में, लक्जरी बाजार के 200अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जिसमें अकेले खुदरा बाजार का योगदान 60-70 अरब डॉलर तक का होगा।

मशहूर होटल समूह ओबेरॉय के पूर्व अध्यक्ष और पोस्टकार्ड लक्जरी होटल्स ऐंड रिजॉर्ट्स के संस्थापक कपिल चोपड़ा ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था एक महत्वाकांक्षी दौर में है। अर्थव्यवस्था में वृद्धि के साथ ही लोगों में बेहतर अनुभव लेने की चाहत बढ़ रही है, चाहे वह परिधान, होटल या तकनीक ही क्यों न हो।

भारत के पास अपने लक्जरी होटल क्षेत्र में अपनी ताकत पेश करने का अवसर है और यह दुनिया के कुछ बेहतरीन होटल होने से जुड़ी अपनी प्रतिष्ठा का लाभ उठा सकता है।

बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप में प्रबंध निदेशक और वरिष्ठ अधिकारी अभिषेक सिंघी ने कहा कि भारत का आर्थिक विकास कृषि, सेवाओं और विनिर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों के संयोजन से परिभाषित होगा। आर्थिक वृदि्ध में लक्जरी की भूमिका होगी, लेकिन यह प्रमुख वाहक नहीं होगी। भारत में लक्जरी ब्रांडों को लाने से रोजगार और विनिर्माण क्षेत्रों को बढ़ावा मिल सकता है।

मैथ्यू लस्ट्रेरी के निदेशक एलेक्सिस डी ड्यूक्ला ने कहा कि भारत की कला, संस्कृति और शिल्प कौशल की समृद्ध विरासत है। उन्होंने कहा कि हाल के निवेश और नीतिगत कदमों ने देश में उपभोक्ताओं के विश्वास को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि ब्रांड के साथ-साथ अब गुणवत्ता और अनुभव के प्रति उपभोक्ताओं के व्यवहार में बदलाव दिख रहा है जो भारत के विकसित हो रहे लक्जरी बाजार का प्रमाण है।

केपीएमजी में एफएमसीजी के राष्ट्रीय प्रमुख और अधिकारी निखिल सेठी ने उपभोक्ता मांग के कारण लक्जरी ब्रांड के द्वारा पर्यावरणीय स्थिरता पर ज्यादा ध्यान दिए जाने के बारे में बात की। टिकाऊपन को प्राथमिकता देने वाले लक्जरी ब्रांड न केवल हरित भविष्य में योगदान कर सकते हैं बल्कि वे अपने बेहतर चलन के लिए प्रीमियम कीमत हासिल कर सकते हैं।

पैनल के विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हुए कि साल 2047 में लक्जरी आर्थिक समृद्धि को दर्शाते हुए टिकाऊपन, शिल्प कौशल और एक विशिष्ट भारतीय पहचान को वैश्विक स्तर पर पेश कर विकसित भारत को फिर से परिभाषित करेगा।

First Published : March 28, 2024 | 11:49 PM IST