अर्थव्यवस्था

निवेश की रफ्तार पांच तिमाहियों के उच्च स्तर पर, घरेलू खपत में नरमी

केंद्र व राज्य सरकारों के पूंजीगत खर्च से जीडीपी में 30% का योगदान

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शिवा राजौरा   
Last Updated- November 30, 2023 | 11:54 PM IST

केंद्र सरकार द्वारा तेज पूंजीगत खर्च के बीच जुलाई-सितंबर तिमाही में पूंजी निवेश की वृद्धि दर 11 फीसदी पर पहुंच गई, जो पांच तिमाहियों का उच्च स्तर है और मौजूदा वित्त वर्ष की पिछली तिमाही में यह 7.9 फीसदी रही थी। गुरुवार को एनएसओ की तरफ से जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली।

दूसरी तिमाही में ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन (जीएफसीएफ) ने जीडीपी में 30 फीसदी का योगदान किया, जो इससे पिछली तिमाही में 29.3 फीसदी रहा था। निवेश में 30 फीसदी से ज्यादा वृद्धि आर्थिक बढ़त को आगे ले जाने के लिए अहम माना जाता है।

जीडीपी में जीएफसीएफ यानी बुनियादी ढांचे पर खर्च की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी केंद्र सरकार की तरफ से पूंजीगत खर्च में इजाफे की पृष्ठभूमि में हुई है, जो दूसरी तिमाही में 43.1 फीसदी बढ़कर 4.9 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 3.42 लाख करोड़ रुपये रहा था। यह जानकारी सीजीए यानी कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स के आंकड़ों से मिली।

इंडिया रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने कहा, केंद्र व 26 राज्यों का संयुक्त पूंजीगत खर्च दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर 26.7 फीसदी बढ़ा, जिसकी वजह विभिन्न राज्यों के चुनाव थी।

इस बीच, घरेलू उपभोग दूसरी तिमाही में घटकर 3.13 फीसदी रह गई, जो इससे पिछली तिमाही में 5.97 फीसदी रही थी, जिसकी आंशिक वजह ग्रामीण मांग में आई भारी नरमी रही। हालांकि जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी दूसरी तिमाही में बढ़कर 61 फीसदी पर पहुंच गई, जो पहली तिमाही में 59.7 फीसदी रही थी।

इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीएफसीएफ की रफ्तार 9.5 फीसदी रही जबकि घरेलू उपभोग की रफ्तार 4.5 फीसदी। केयर रेटिंग्र की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा, मांग पक्ष को लेकर केंद्र सरकार व राज्य सरकारों ने निवेश में काफी बढ़ोतरी की, जिसने जीडीपी की रफ्तार को आगे बढ़ाया।

उन्होंने कहा, उपभोग मांग में कुछ नरमी शायद इस साल त्योहारी सीजन में देरी की वजह से और कमजोर ग्रामीण मांग के कारण देखने को मिली।

आगे निजी उपभोग रफ्तार पकड़ सकता है क्योंकि तीसरी तिमाही में त्योहारी मांग की मजबूती की अगुआई में शहरी मांग में सुधार हो सकता है। हालांकि ग्रामीण मांग की बहाली को लेकर परिदृश्य मॉनसून की थोड़ी कमजोरी और कृषि उत्पादन पर संभावित असर के कारण धुंधली बनी हुई है।

ऐसी ही राय व्यक्त करते हुए आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के अर्थशास्त्री गौरा सेनगुप्ता ने कहा, केंद्र व राज्य सरकारों का पूंजीगत खर्च निर्माण क्षेत्र की वृद्धि में स्पष्ट हुआ है क्योंकि इसका असर निवेश की वृद्धि के तौर पर देखने को मिला है। इस बीच, ट्रेड, होटल और परिवहन में नरमी आई है जबकि वैयक्तिक यात्रा व पर्यटन संबंधी खर्च ने जोर पकड़ा है।

First Published : November 30, 2023 | 11:32 PM IST