अर्थव्यवस्था

भारत की अर्थव्यवस्था में 7.5 फीसदी से ज्यादा वृद्धि की क्षमता: RBI गवर्नर

RBI गवर्नर दास ने कहा कि विकास के पूर्वानुमानों में जोखिम संतुलित हैं और मजबूत मैक्रोइकनॉमिक आधारों द्वारा समर्थित हैं, जिनमें निजी खपत और निवेश मुख्य कारक है।

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निशा आनंद   
Last Updated- September 13, 2024 | 12:38 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को सिंगापुर में एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर कहा कि भारत की विकास दर 7.5 प्रतिशत से भी अधिक होने की क्षमता रखती है। यह अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा चालू वित्तीय वर्ष FY25 के लिए बताई गई 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर से थोड़ा ज्यादा है।
दास ने यह बयान ब्रेटन वुड्स कमेटी के वार्षिक फ्यूचर ऑफ फाइनेंस फोरम में दिया। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि भारत की वर्तमान विकास क्षमता लगभग 7.5 प्रतिशत से भी अधिक है।”

भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया कि यह कार्यक्रम सिंगापुर में स्विस बैंक यूबीएस के सहयोग से आयोजित किया गया था।

आरबीआई के गवर्नर ने कहा, “इस साल के अंत तक हम 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद कर रहे हैं।” अप्रैल से जून तिमाही में भारत की विकास दर 6.7 प्रतिशत रही, जो पिछले साल की तुलना में कम थी। इसकी वजह लोकसभा चुनावों के कारण सरकारी खर्च में आई कमी बताई जा रही है। यह दर भारतीय रिजर्व बैंक के 7.1 प्रतिशत के अनुमान से भी कम रही।

विकास दर पूर्वानुमान में जोखिम संतुलित

दास ने कहा कि विकास के पूर्वानुमानों में जोखिम संतुलित हैं और मजबूत मैक्रोइकनॉमिक (सामान्य आर्थिक) आधारों द्वारा समर्थित हैं, जिनमें निजी खपत और निवेश मुख्य कारक हैं।

उन्होंने कहा, “मुद्रास्फीति अप्रैल 2022 में 7.8 प्रतिशत के अपने चरम से कम होकर 4 प्रतिशत के लक्ष्य के आसपास आ गई है, लेकिन हमें अभी भी आगे बहुत काम करना है और इस पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है।”

इस वित्तीय वर्ष के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महंगाई दर के 4.5 प्रतिशत तक कम होने का अनुमान लगाया है। इसके साथ ही अगले वित्तीय वर्ष (FY26) में औसत महंगाई दर 4.1 प्रतिशत तक घटने की संभावना जताई है, बशर्ते मानसून सामान्य रहे और कोई बाहरी या नीतिगत झटके न आएं।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि सेवाओं का निर्यात बढ़ा है, लेकिन बाहरी मांग कमजोर होने के कारण वस्त्र निर्यात (मर्चेंडाइज़ एक्सपोर्ट) की वृद्धि उम्मीद से कम रही है। उन्होंने वित्तीय समेकन (फिस्कल कंसोलिडेशन) की प्रगति, सार्वजनिक कर्ज में कमी और कॉर्पोरेट प्रदर्शन में सुधार को संतुलित विकास के लिए सकारात्मक कारक बताया।

First Published : September 13, 2024 | 10:56 AM IST