नवंबर में बढ़ी प्रमुख क्षेत्रों की गिरावट

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 10:06 AM IST

अक्टूबर के बाद आर्थिक सेहत में सुधार की रफ्तार कुंद पडऩे की जताई गई आशंका सच साबित हो रही है। कम से कम आछ प्रमुख उद्योगों के प्रदर्शन को देखकर तो यही लग रहा है। सितंबर और अक्टूबर में आठ प्रमुख उद्योगों (कोर सेक्टर) में क्रमश: 1 प्रतिशत और 0.9 प्रतिशत गिरावट दर्ज हुई थी, लेकिन नवंबर में हालत अधिक बिगड़ गई। त्योहारों से जुड़ी गतिविधियों के बावजूद नवंबर में इन उद्योगों में गिरावट 2.6 प्रतिशत तक पहुंच गई। इसका असर औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) पर भी दिख सकता है। हालांकि कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि उपभोक्ता वस्तु खंड कुछ हद तक इस गिरावट की भरपाई कर सकता है। आईआईपी में आठ प्रमुख उद्योगों का भारांश 40.27 प्रतिशत है। केयर रेटिंग में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘आईआईपी में वृद्धि शून्य से 1 प्रतिशत के बीच रह सकती है। नवंबर में त्योहारों के कारण उपभोक्ता वस्तु खंड में तेजी बनी रह सकती है।’ रेटिंग एजेंसी इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने नवंबर में आईआईपी में गिरावट की आशंका जाहिर की है। उन्होंने कहा, ‘उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर हमें लगता है कि नवंबर में आईआईपी में अस्थायी ही सही लेकिन 2 से 5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।’ अगर ऐसा हुआ तो उत्साह जरूर ठंडा पड़ सकता है क्योंकि अक्टूबर में आईआईपी में 3.6 प्रतिशत तेजी आई थी। 
 
नायर ने आठ प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में गिरावट के लिए आधार प्रभाव, त्योहारी छुट्टिïयों के कारण काम कम होने और थमी मांग चरम तक पहुंचने के बाद आई सुस्ती को जिम्मेदार ठहराया। नवंबर लगातार नौवां महीना रहा जिसमें इन क्षेत्रों में गिरावट दर्ज की गई। कोयला, उर्वरक और बिजली छोड़कर शेष सभी क्षेत्रों- कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, इस्पात और सीमेंट- में नवंबर में उत्पादन कम रहा। इससे पहले अक्टूबर में कच्चा तेल, प्रकृतिक गैस और रिफाइनरी खंड में ही उत्पादन में कमी आई थी। चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में 8 प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में उत्पादन में 11.4 प्रतिशत कमी आई है। पिछले वर्ष की समान अवधि में इनमें 0.3 प्रतिशत तेजी आई थी। इस वित्त वर्ष नवंबर में कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, इस्पात और सीमेंट खंड में उत्पादन में क्रमश: 4.9 प्रतिशत, 9.3 प्रतिशत, 4.8 प्रतिशत, 4.4 प्रतिशत और 7.1 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई। 
 
हालांकि समीक्षाधीन महीने में कोयला और बिजली खंड में उत्पादन में क्रमश: 2.9 प्रतिशत और 2.2 प्रतिशत की तेजी दर्ज हुई। उर्वरक खंड में 1.6 प्रतिशत तेजी दिखी, जबकि अक्टूबर में इसमें 6.3 प्रतिशत तेजी आई थी। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की अभूतपूर्व गिरावट आई थी। हालांकि दूसरी तिमाही में थोड़ी राहत मिली जब इस दौरान अर्थव्यवस्था में गिरावट की दर कम होकर 7.5 प्रतिशत पर सीमित रह गई।

First Published : December 31, 2020 | 11:31 PM IST