महंगाई की आग अब संसद तक पहुंच चुकी है। वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने लोकसभा में आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों पर विशेष चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि बढ़ती महंगाई को रोकने के लिए सरकार ने कई वित्तीय कदम उठाए हैं और भारतीय रिजर्व बैंक भी जल्दी ही इस दिशा में मौद्रिक कदम उठाएगा।
उन्होंने कहा कि अगर जीडीपी विकास दर को कुछ हद तक कम भी करना पड़ा तो सरकार मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए ऐसा करने से नहीं हिचकिचाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम (एस्मा) के तहत सारे अधिकार राज्य सरकारों के पास हैं और उन्हें ही इस संबंध में आगे आना होगा।
राज्य सरकारों को इसके तहत सबसे पहले आवश्यक वस्तुओं की भंडारण सीमा घोषित कर देनी चाहिए और उसका उल्लंघन करने पर व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। इससे जमाखोरी पर लगाम लगेगा और वस्तु की आपूर्ति दुरुस्त होगी। हालांकि उन्होंने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि इस संबंध में राज्य सरकारों का रवैया बहुत ही ढीला रहा है।
वित्तमंत्री ने कहा कि वित्तीय कदमों के तहत सरकार ने कई वस्तुओं पर करों में कटौती की है और आगे भी सख्त कदम उठाएगी। चिदंबरम ने कहा कि महंगाई रोकने के लिए रिजर्व बैंक की ओर से किए जा रहे पहल की घोषणा भी जल्द की जाएगी।
चिदंबरम ने कहा कि जिंस मामले में सारे अधिकार राज्य सरकारों के पास हैं, लेकिन राज्य इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं और सिर्फ पांच राज्यों में छापे मारे गए। वित्तमंत्री ने इस आरोप को गलत बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरण के लिए केंद्र द्वारा राज्यों को कम अनाज दिया जा रहा है।