फूड डिलिवरी फर्म जोमैटो ने अपनी जे शृंखला के तहत अमेरिकी हेज फंड निवेशक टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट से करीब 760 करोड़ रुपये (10.2 करोड़ डॉलर) जुटाए हैं। कपनी के सह-संस्थपक एवं सीईओ दीपिंदर गोयल ने आज कर्मचारियों को भेजे गए एक ईमेल में कहा कि यह निवेश रकम जुटाने के मौजूदा दौर का हिस्सा है। उन्होंने यह भी कहा कि गुरुग्राम की यह कंपनी अगले साल के मध्य तक अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की योजना बना रही है।
गोयल ने कर्मचारियों को भेजे गए ईमेल में कहा है, ‘हमने काफी रकम जुटाई है और आज बैंक में हमारी नकदी करीब 25 करोड़ डॉलर है जो हमारे इतिहास में अब तक की सर्वाधिक रकम है।’ बिजनेस स्टैंडर्ड ने भी गोयल द्वारा कर्मचारियों को भेजे गए ईमेल को देखा है। गोयने ने अपने ईमेल में कहा है, ‘हमारे मौजूदा दौर में टाइगर ग्लोबल, टेमासेक, बैली गिफोर्ड और आंट फाइनैंशियल पहले ही भाग ले चुके हैं और इस दौर में कई अन्य बड़े नाम भी शामिल हो रहे हैं। हमारा मानना है कि मौजूदा दौर जल्द ही 60 करोड़ डॉलर के साथ खत्म हो जाएगा।’
जोमैटो की ओर से जमा कराए गए दस्तावेजों के अनुसार, टाइगर ग्लोबल से रकम जुटाने के लिए उसने 6,700 रुपये प्रति शेयर अंकित मूल्य वाले 3,00,235 रुपये प्रति शेयर मूल्य के 25,313 जे श्रेणी के तरजीजी शेयर आवंटित किए हैं। बिजनेस इंटेलिजेंट प्लेटफॉर्म टोफलर से यह जानकारी मिली है। टाइगर ग्लोबल के इस निवेश से कुछ ही समय पहले जोमैटो ने सिंगापुर की टेमासेक होल्डिंग्स की सहायक इकाई मैक रित्शी इन्वेस्टमेंट्स से 456 करोड़ रुपये जुटाए थे। अप्रैल में उसने ब्रिटेन की निवेश प्रबंधन कंपनी बैली गिफोर्ड द्वारा प्रबंधित फंड पैसिफिक हॉराइजन इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट से करीब 50 लाख डॉलर जुटाए थे।
उद्योग के एक सूत्र ने कहा, ‘यह भारत की किसी ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग फर्म में टाइगर ग्लोबल का पहला निवेश है।’ इस निवेश से जोमैटो को टेनसेंट के निवेश वाली कंपनी स्विगी और प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन से प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी। एमेजॉन ने हाल ही में फूड डिलिवरी क्षेत्र में कदम रखा है।
गोयल ने ईमेल में कहा है, ‘इस रकम को कैसे खर्च किया जाए, इसके लिए हमारे पास तत्काल कोई योजना नहीं है। हम इस रकम को भविष्य में विलय-अधिग्रहण के लिए नकदी भंडार के तौर पर देख रहे हैं। साथ ही हमारे कारोबार के विभिन्न क्षेत्रों में कीमत संबंधी जंग से निपटने में भी हमें इससे मदद मिलेगी।’
यह रकम ऐसे समय में जुटाई गई है जब एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च ने हाल में जोमैटो का मूल्यांकन 5 अरब डॉलर किया था जो उसके पिछले मूल्यांकन 3.5 अरब डॉलर से काफी अधिक है। जोमैटो के मौजूदा शेयरधारक इन्फोएज (आईई) की एक विश्लेषण रिपोर्ट में एचएसबीसी ने कहा था कि कोविड-19 ने जोमैटो को लाभप्रदता की ओर बढऩे में रफ्तार दी है।
