विस्ट्रॉन ने कहा है कि इस महीने के शुरू में उसके आईफोन निर्माण संयंत्र में हुई घटना का कंपनी पर बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा।
ताइवान स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में विस्ट्रॉन ने कहा है, ‘चूंकि नरसपुरा संयंत्र अब परिचालन में है और शिपमेंट गुणवत्ता अभी भी कमजोर बनी हुई है, लेकिन नुकसान की घटना का विस्ट्रॉन पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा।’ कंपनी ने इन हमलों में 50 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान लगाया है। कंपनी अपने इस संयंत्र में माइक्रोसॉफ्ट और लेनोवो उत्पादों का भी निर्माण करती है।
प्रौद्योगिकी दिग्गज ऐपल ने शनिवार को कहा था कि वह तब तक विस्ट्रॉन को वैश्विक रूप से नए व्यावसायिक अनुबंध मुहैया नहीं कराएगी, जब तक ताइवानी निर्माता बेंगलूरु से करीब 60 किलोमीटर दूर स्थित अपने नरसपुरा संयंत्र में सभी सुधारात्मक कार्य पूरे नहीं कर लेती। विस्ट्रॉन ने इस घटनाक्रम पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है। कंपनी कर्नाटक में अपने इस संयंत्र पर
आईफोन एसई और आईफोन 7 मॉडलों का निर्माण बरकरार रखेगी।
विस्ट्रॉन ने यह स्वीकार किया है कि कर्मचारियों के लिए पारिश्रमिक के भुगतान में खामियां हैं और उसने उन्हें पूरा वेतन दिए जाने का आश्वासन दिया है। कंपनी ने अपने उपाध्यक्ष विंसेंट ली को भी हटा दिया है, जो भारत में उसके व्यवसाय देखते थे। वहीं ऐपल ने निराशा जताते हुए कहा है कि उसका ध्यान यह सुनिश्चित करने पर है कि आपूर्ति शृंखला सुरक्षित और अबाधित बनी रहे।
एक शुरुआती सरकारी रिपोर्ट में कहा गया कि विस्ट्रॉन का एचआर विभाग श्रम कानूनों की गहन जानकारी रखने वाले कर्मियों से संपन्न नहीं है। संयंत्र ने 4 अक्टूबर से 12-12 घंटे की दो पारियों में परिचालन को अपनाया, जिसमें प्रत्येक पारी में आधे आधे घंटे के तीन ब्रेक भी शामिल हैं।
संयंत्र, बॉयलर, औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा सौंपी गई एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अपने पारिश्रमिक में ओवरटाइम को लेकर श्रमिकों के दिमाग में अनिश्चितता बनी
हुई है, क्योंकि कार्य शिफ्ट 8 घंटे से बदलकर 12 घंटे की गई जिस पर कानूनी प्रावधानों के अनुरूप एचआर विभाग द्वारा सही तरीके से अमल नहीं किया गया है।’
