बीएस बातचीत
बाजार में भारी तेजी और महंगे मूल्यांकन के बावजूद आदित्य बिड़ला सनलाइफ म्युचुअल फंड के मुख्य निवेश अधिकारी (इक्विटी) महेश पाटिल ने पुनीत वाधवा के साथ साक्षात्कार में कहा कि उन्हें बाजार में नकदी की किसी तरह की किल्लत नहीं दिख रही है। उनका कहना है कि मजबूत हो रही बाजार धारणा के इस परिवेश में शेयरों के चयन पर खास ध्यान देने की जरूरत है। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:
2020 के शानदार प्रदर्शन के बाद 2021 में भारतीय इक्विटी का प्रदर्शन कैसा रहने की संभावना है?
बजट के बाद, अर्थव्यवस्था में चक्रीय सुधार और बाजार में व्यापक बदलाव पर हमारा नजरिया और ज्यादा मजबूत हुआ है। वृद्घि-समर्थित बजट, टीके पर सकारात्मक खबरों, अनुमान से बेहतर आर्थिक सुधार, लगातार वित्तीय और मौद्रिक नीति सहायता, और मजबूत तरलता से शेयरों के लिए अनुकूल पृष्ठभूमि पैदा होने की संभावना है। हमें
इक्विटी में तेजडिय़ों के बाजार की लंबी अवधि के लिए तैयार रहना चाहिए।
क्या बाजार मूल्यांकन चिंताजनक है?
भले ही बाजार अस्थिर हैं और मूल्यांकन भारी तेजी के बाद अब महंगा दिख रहा है, लेकिन दो कारक मध्यावधि से दीर्घावधि में बाजार को लगातार गति प्रदान करते रहेंगे। पहला, आर्थिक वृद्घि में लगातार अपग्रेड, और आय अनुमान तेजी में मददगार साबित हो सकते हैं। दूसरा, कम ब्याज दर और मजबूत तरलता के परिवेश में, मूल्यांकन मल्टीपल अपने दीर्घावधि औसत के मुकाबले ऊंचा रह सकता है, जिससे ऊंचा इक्विटी मूल्यांकन जायज लग रहा है।
मार्च 2020 के निचले स्तरों से आपकी निवेश रणनीति क्या रही है?
मार्च 2020 के निचले स्तरों से, क्षेत्र नेतृत्व में बड़ा बदलाव आया है, क्योंकि कोविड और अर्थव्यवस्था को लेकर चिंताओं ने इसे लेकर भरोसा बढ़ाया कि महामारी नियंत्रित होगी और आर्थिक सुधार दिख रहा है। हमारी निवेश रणनीति आगे बने रहने की रही है। हम शुरू में फार्मा, आईटी, और छोटे कंज्यूमर ड्यूरेबल्स पर उत्साहित थे। टीके पर सकारात्मक खबरों के साथ हमने कुछ बैंकिंग और वित्त तथा वाहन शेयरों को भी शामिल किया है। बजट के बाद हमने इन्फ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक क्षेत्र में चक्रीयता संबंधित नामों का आकलन कर रहे हैं।
क्या आप वित्तीय क्षेत्र पर अपना रुख स्पष्ट कर सकते हैं?
हम निजी बैंकों और कॉरपोरेट बैंकों को पसंद कर रहे हैं। निजी बैंकों के लिए, परिसंपत्ति गुणवत्ता का परिणाम कोविड महामारी के बाद पैदा हुई संभावनाओं के मुकाबले ज्यादा सकारात्मक रहने का अनुमान है। इसके अलावा, ऊंचे पूंजीकरण और मजबूत देनदारी फ्रेंचाइजी पर आधारित बाजार भागीदारी में वृद्घि दीर्घावधि में अच्छे प्रदर्शन का कारक बनी हुई है। कई पीएसयू बैंकों को पूंजी जुटाने की जरूरत होगी, क्योंकि सरकार द्वारा आवंटित मात्रा काफी कम है।
वित्त वर्ष 2022 में कॉरपोरेट आय वृद्घि के लिए संभावना क्या है?
वित्त वर्ष 2022 के अनुमानों में फरवरी के अंत से सितंबर के बीच बड़ी कमी दर्ज की गई थी। हालांकि सितंबर के बाद राह मजबूत हुई और प्रति शेयर आय अनुमानों में संशोधन किया गया है। हमें वित्त वर्ष 2022 में निफ्टी की आय वृद्घि वित्त वर्ष 2021 के कम आधार की वजह से 35-40 प्रतिशत के दायरे में रहने की संभावना है।
क्या सेकंडरी बाजार में नकदी किल्लत पैदा हो सकती है, क्योंकि निवेशकों ने सरकार की विनिवेश सूची में शामिल कंपनियों पर ध्यान दिया है?
वैश्विक स्तर पर ढीली राजकोशीय और मौद्रिक नीति को देखते हुए भारत समेत दुनिया इस समय पर्याप्त नकदी से संपन्न है। खासकर भारत जैसे उभरते बाजार में विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। इसका अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि भारत ने में कैलेंडर वर्ष 2021 में अब तक 3 अरब डॉलर से ज्यादा का पूंजी प्रवाह आकर्षित किया है। आगे भी एफआईआई प्रवाह बरकरार रहने की संभावना है। वहीं गैर-संस्थागत प्रवाह भी इक्विटी बाजारों में मजबूत बना हुआ है। मुझे बाजारों में किसी तरह की नकदी किल्लत नहीं दिख रही है।