मिनियापोलिस स्थित फंड प्रबंधक वार्डे पार्टनर्स द्वारा गुरुग्राम और नोएडा में न्यू वेरनॉन कैपिटल की वाणिज्यिक परिसंपत्ति खरीदने की योजना को झटका लगा है। इस घटनाक्रम से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि वार्डे पार्टनर्स को उसकी निवेश समिति से जरूरी मंजूरियां नहीं मिल पाई हैं। सूत्रों का कहना है, ‘निवेश समिति ने निवेश को मंजूरी नहीं दी है, क्योंकि भारत में वार्डे के पिछले कुछ निवेश अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं।’
विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि यह सौदा 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का होने की संभावना थी और इसमें गुरुग्राम के उद्योग विहार में कॉम्पलेक्स की कीमत 600-700 करोड़ रुपये थी। दोनों परिसंपत्तियों का कुल एरिया 10 लाख वर्ग फुट है और इसमें 90 प्रतिशत पर कब्जा दिया जा चुका है। न्यू वेरनॉन इन दोनों परिसंपत्तियों से बाहर निकने की संभावना तलाश रही थी। संपर्क किए जाने पर वार्डे ने इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। न्यू वेरनॉन से इस बारे में अभी संपर्क नहीं किया जा सका है।
हाल में एम्बेसी इंडस्ट्रियल पाक्र्स, इंडोस्पेस, और ईएसआर के बीच अलग अलग सौदे की वार्ताएं मूल्यांकन में अंतर की वजह से विफल रही थीं। एम्बेसी अपना लॉजिस्टिक व्यवसाय 2,000 करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ बेचने की संभावना तलाश रही थी।
वार्डे संकटग्रस्त गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी एल्टिको कैपिटल इंडिया में प्रमख निवेशकों में से एक थी।इस साल जुलाई में एल्टिको कैपिटल इंडिया ने मौजूदा निवेशकों – क्लियरवाटर कैपिटल पार्टनर्स, वार्डे, और अबू धाबी इन्वेस्टमेंट काउंसिल – से स्वामित्व हांगकांग स्थित एसएसजी कैपिटल एडवायजर्स, एलएलसीको स्थानांतरित करने के लिए आरबीआई के समक्ष आवेदन किया था।
हाल में वार्डे ने दक्षिण भारत की रियल एस्टेट कंपनी को 13.5 करोड़ डॉलर का ऋण दिया है। इससाल के शुरू में वार्डे ने मुंबई के वडाला इलाके में लोढा समूह से लोढा एक्सेलस का अधिग्रहण किया था। वर्ष 2018 में आदित्य बिड़ला कैपिटल और वार्डे ने देश में संकटग्रस्त परिसंपत्तियों में निवेश के लिए एक विशेष भागीदारी की घोषणा की थी। कंपनी ने 2018 में मुंबई में अपना कार्यालय खोला।
