प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
भारत की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी अल्ट्राटेक सीमेंट ने वित्त वर्ष 2025-26 की सितंबर तिमाही में शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी ने शनिवार को बताया कि इस तिमाही में उसका मुनाफा 1237.98 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की इसी तिमाही के 707.96 करोड़ रुपये से काफी ज्यादा है। कंपनी की आय भी बढ़ी है और यह 19,606.93 करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले साल यह 16,294.42 करोड़ रुपये थी। इसमें अन्य स्रोतों से होने वाली आय को मिलाकर कुल आय 19,781.07 करोड़ रुपये रही।
कंपनी ने बताया कि इस बार के नतीजे पिछले साल से सीधे तुलना करने लायक नहीं हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस साल अल्ट्राटेक ने साउथ की इंडिया सीमेंट्स लिमिटेड, वंडर वॉलकेयर और यूएई की रास अल खैमा आधारित RAKWCT को खरीदा है। इसके अलावा, केसोरम इंडस्ट्रीज के सीमेंट कारोबार का अल्ट्राटेक में विलय भी 1 मार्च 2025 से प्रभावी हुआ है।
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सितंबर तिमाही में अल्ट्राटेक की कुल बिक्री 6.9 फीसदी बढ़कर 33.85 मिलियन टन रही। कंपनी ने बताया कि घरेलू ग्रे सीमेंट की बिक्री में 22.3 फीसदी की शानदार बढ़ोतरी हुई। यह आंकड़ा इंडिया सीमेंट्स और केसोरम की बिक्री को छोड़कर है, क्योंकि पिछले साल ये कंपनियां अल्ट्राटेक का हिस्सा नहीं थीं। इस दौरान उद्योग की औसत वृद्धि दर करीब 5 फीसदी रही, जिसे अल्ट्राटेक ने पीछे छोड़ दिया।
खर्च की बात करें तो इस तिमाही में कंपनी का कुल खर्च 18,119.56 करोड़ रुपये रहा। ऊर्जा लागत में 7 फीसदी की कमी आई, लेकिन फ्लाई ऐश और स्लैग की कीमत बढ़ने से कच्चे माल की लागत 5 फीसदी बढ़ी। अल्ट्राटेक की मौजूदा 166.76 मिलियन टन प्रति वर्ष की क्षमता वाले प्लांट्स का ऑपरेटिंग EBITDA 966 रुपये प्रति टन रहा। वहीं, इंडिया सीमेंट्स का EBITDA 386 रुपये प्रति टन और केसोरम का 755 रुपये प्रति टन रहा। कंपनी ने बताया कि दोनों नई खरीदी गई कंपनियों का प्रदर्शन तेजी से सुधर रहा है। केसोरम की 55 फीसदी और इंडिया सीमेंट्स की 31 फीसदी बिक्री अब अल्ट्राटेक ब्रांड के तहत हो रही है।
वित्त वर्ष की पहली छमाही में अल्ट्राटेक की कुल आय 41,238.75 करोड़ रुपये रही। कंपनी ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा जीएसटी में की गई कटौती का पूरा फायदा उसने अपने ग्राहकों को दे दिया है।