शुरू में प्योर-प्ले मार्केटप्ले मॉडल के तौर पर सेवाएं मुहैया कराने वाली उड़ान ने तेजी से किराना ई-कॉमर्स मॉडल में पैठ बनाई है और अब वह इस सेगमेंट में दिग्गज है।
पूंजी बाजार एवं निवेश समूह सीएलएसए द्वारा जारी विश्लेषक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में ई-कॉमर्स अवसर पांच मॉडलों के अधीन होंगे। इनमें बी2सी मॉडल (एमेजॉन और फ्लिपकार्ट मुख्य रूप से शामिल), किराना मॉडल (उड़ान और जियोमार्ट), कम्युनिटी गु्रप खरीदारी मॉडल (उड़ान अग्रणी तौर पर शामिल), लॉन्ग-टेल गारमेंट के लिए सोशल लाइव कॉमर्स (व्हाट्सऐप और फेसबुक), ओ2ओ मॉडल। पांच मॉडलों में, उड़ान सक्रिय तौर पर दो पर जोर दे रही है- किराना मॉडल और कम्युनिटी गु्रप खरीदारी मॉडल।
सीएलएसए की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हमें किराना डिजिटलीकरण, ई-कॉमर्स भागीदारी में वृद्घि, ई बी2बी और जियो मार्ट जैसे प्रमुख वितरकों के विकास के जरिये वितरण चैनलों की लोकप्रियता बढऩे की उम्मीद है। किराना ई-कॉमर्स में, उड़ान एक प्रमुख कंपनी है। रिलायंस जियोमार्ट के साथ, यह एक तरह एक एकाधिकार बाजार जैसा है।’
रिपोर्ट में कहा गया है कि किराना ई-कॉमर्स क्षेत्र में उड़ान की 60 प्रतिशत बाजार भागीदारी है। किराना ई-कॉमर्स की लोकप्रियता महामारी के दौरान बढ़ी, जिसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वित्त वर्ष 2021 में बेंगलूरु स्थित उड़ान ने 6 गुना राजस्व वृद्घि दर्ज की और कंपनी इसमें तेजी से इजाफा दर्ज कर रही है। क्षमताओं के साथ, कंपनी दायरा बढ़ाने पर जोर दे रही है जिससे उसे मुनाफा बढ़ाने में मदद मिलेगी। अपने मौजूदा दायरे पर, उसका 5.5 प्रतिशत सकल मार्जिन है और वह योगदान स्तर पर भरपाई की स्थिति में है। कंपनी ने किराना ई-कॉमर्स के विस्तार के साथ शानदार 50 प्रतिशत की वृद्घि का लक्ष्य रखा है।
सीएलएसए ने इस शानदार वृद्घि के लिए उड़ान की राष्ट्रीय आपूर्ति शृंखला में सुधार, उत्पादों और सबसे कम ग्राहक जोडऩे की लागत को जिम्मेदार माना है।
उड़ान ने हाल में 24 करोड़ डॉलर जुटाए हैं, जिनमें से 20 करोड़ डॉलर परिवर्तनीय नोट्स के तौर पर और शेष डेट फंडिंग के तौर पर शामिल थे। कंपनी की वैल्यू 3.2 अरब डॉलर की है और वह 2023 के मध्य तक आईपीओ लाने पर विचार करेगी।