सुरक्षा सॉल्यूशंस मुहैया कराने वाली देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी टॉप्सग्रुप ने घरेलू बाजार में अपनी हिस्सदारी बढ़ाने के मकसद से 2 कंपनियों का अधिग्रहण किया है।
मुंबई की इस कंपनी की बाजार में फिलहाल 13.2 फीसदी हिस्सेदारी है जिसे बढ़ाकर कंपनी 24 फीसदी तक करना चाहती है। भारत में संगठित क्षेत्र में सुरक्षा सॉल्यूशंस का बाजार तकरीबन 2,500 करोड़ रुपये का है जिसमें अभी तक बहुराष्ट्रीय कंपनी ग्रुप 4 सेक्योरिकोर का वर्चस्व रहा है। जिसकी इस बाजार में 25 फीसदी की हिस्सेदारी है।
देश में इस कारोबार को उभरता हुआ कारोबार माना जा रहा है। टॉप्सग्रुप के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक दीवान राहुल नंदा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि हमने दक्षिण भारत में 2 कंपनियों का अधिग्रहण किया है। इनमें से एक तो इलेक्ट्रॉनिक सिक्योरिटी सिस्टम श्रेणी की कंपनी है जबकि दूसरी गार्ड सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी है।
उन्होंने बताया कि ये अधिग्रहण 100 करोड़ रुपये में हुए हैं और इसके लिए आंतरिक स्रोतों के जरिये ही धन जुटाया गया है। उनका कहना है कि अगले 6 महीनों में इन सौदों से जुड़ी सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएंगी। पिछले वित्तीय वर्ष में कंपनी ने 330 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया था।
तकरीबन 37 साल पुरानी इस कंपनी की योजना चालू वित्त वर्ष में आंतरिक और बाहरी स्रोतों के जरिये 600 करोड़ रुपये जुटाना तो है ही इसके अलावा कंपनी अपने कर्मचारियों की संख्या भी एक लाख तक पहुंचाना चाहती है। कंपनी ने सोमवार को बंगलुरु की गार्डवेल डिटेक्टिव सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड का 20 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करने की घोषणा की। गार्डवेल दक्षिण भारत मे जाना-माना सिक्योरिटी ब्रांड है।
इस अधिग्रहण से कंपनी के सुरक्षा कर्मचारियों की संख्या में 5,000 का इजाफा हुआ है और अब कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 70,000 के स्तर पर पहुंच गई है। टॉप्सगुप इसके अलावा हवाई दुर्घटनाओं में बचाव, सुरक्षा गार्ड, इलेक्टॉनिक सिक्योरिटी जैसी अन्य सेवाओं में भी संभावनाएं तलाश रही है। कंपनी ने हाल ही में इंग्लैंड में तकरीबन 560 करोड़ रुपये के एक अधिग्रहण के जरिये सुरक्षा सॉल्यूशंस के वैश्विक कारोबार में कदम रखा है।
दरअसल इस तरह की सेवाओं का वैश्विक बाजार 2015 तक 9,200 अरब रुपये का हो जाएगा। कंपनी एक साल के अंदर अमेरिका की एक कंपनी का लगभग 1,200 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करने की योजना बना रही है। कंपनी की नजर ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बाजार पर भी लगी हुई है। कंपनी की योजना एक या दो साल मे आईपीओ लाने की भी है।