देश के शहरी क्षेत्रों में रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुएं (एफएमसीजी) बनाने वाली कंपनियों की बिक्री में सुधार दिखना शुरू हो गया है। घनी आबादी होने के कारण शहरी क्षेत्र को कोविड-19 वैश्विक महामारी का तगड़ा झटका लगा था जिससे लोगों की जीवन शैली बदल गई थी।
हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल), मैरिको, डाबर, इमामी और कोलगेट जैसी एफएमसीजी कंपनियों ने कहा है कि पिछली चार तिमाहियों में पहली बार अक्टूबर से दिसंबर 2020 तिमाही के दौरान शहरी क्षेत्रों की बिक्री में सुधार दिखा है। विश्लेषकों के अनुमान से पहले एफएमसीजी की बिक्री में यह सुधार दिखा है। विश्लेषकों ने उम्मीद जताई है कि वित्त वर्ष 2022 में शहरी क्षेत्रों में एफएमसीजी की बिक्री में तेजी आएगी क्योंकि तब तक कोविड को टीका आम लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगा जो फिलहाल काफी हद तक स्वास्थ्यकर्मियों तक सीमित है।
विशेषज्ञों ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में कोविड-19 संक्रमण के मामले घटने और टीकाकरण शुरू होने के साथ ही लोगों की जीवन शैली में सुधार होने लगा है। एफएमसीजी उद्योग की कुल बिक्री में शहरी क्षेत्रों का योगदान 60 से 65 फीसदी है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के मामले में यह आंकड़ा 35 से 40 फीसदी है।
ग्रामीण मांग दमदार रही है और शहरी क्षेत्रों में भी मांग सुधरने लगी है जो उद्योग के लिए काफी महत्त्वपूर्ण है। एफएमसीजी उद्योग के मुख्य कार्याधिकारियों (सीईओ) का कहना है कि यह प्रवृत्ति फिलहाल बरकरार रहेगी।
एचयूएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संजीव मेहता ने कहा, ‘शहरी मांग को मोबिलिटी में सुधार से मदद मिलेगी जो सीधे तौर पर टीकाकरण से जुड़ा मामला है। हम सरकार की टीकाकरण योजना से खुश हैं और यदि इसे तेजी से लागू किया गया तो विशेष तौर पर शहरी मांग में उल्लेखनीय तेजी आएगी।’
देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी एचयूएल के लिए शहरी क्षेत्रों में स्किन केयर, कॉस्मेटिक्स और ब्यूटी जैसे कम आवश्यक उत्पादों की बिक्री में तेजी अब दिखने लगी है। कंपनी के कुल उत्पाद पोर्टफोलियो में इन उत्पादों की हिस्सेदारी करीब 15 फीसदी है।
उद्योग के विश्लेषकों का कहना है कि तीसरी तिमाही के दौरान इन उत्पादों की बिक्री में उल्लेखनीय सुधार हुआ जो वित्त वर्ष 2021 की पहली और दूसरी तिमाही से अलग है। उस दौरान न केवल एचयूएल के लिए बल्कि पूरे बाजार के लिए कम आवश्यक उत्पादों की बिक्री में गिरावट आई थी। इससे एफएमसीजी कंपनियों के कम आवश्यक उत्पाद श्रेणियों के राजस्व में भारी गिरावट दर्ज की गई थी।
एचयूएल की स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण श्रेणी के आवश्यक उत्पादों का कंपनी के कुल उत्पाद पोर्टफोलियो में करीब 80 फीसदी हिस्सेदारी है। तीसरी तिमाही के दौरान इन उत्पादों की बिक्री में भी दो अंकों में वृद्धि दर्ज की गई। इस प्रकार पहली और दूसरी तिमाहियों के दौरान जो रफ्तार दिखी थी वह तीसरी तिमाही में भी बरकरार रही।
मैरिको के एमडी एवं सीईओ सौगत गुप्ता ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के मामलों में गिरावट के बीच उपभोक्ताओं की धारणा सुधर रही है। उन्होंने कहा, ‘प्रमुख फ्रैंचाइजी के दमदार प्रदर्शन के साथ-साथ फूड में नए निवेश का रुझान भी अच्छा दिख रहा है। ऐसे में हमारा मानना है कि अगली कुछ तिमाहियों के दौरान घरेलू कारोबार उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करेगा।’
विश्लेषकों का कहना है कि कम आवश्यक उत्पाद श्रेणी में सुधार होने से कंपनियां अब इन उत्पादों में निवेश करने के लिए प्रेरित हुई हैं। जबकि पहले वे ऐसा नहीं करना चाहती थीं।
इमामी और डाबर के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि ब्रांड-निर्माण संबंधी गतिविधियों में सुधार हुआ है और कंपनियां अब क्षमता विस्तार पर निवेशक करेंगी। डाबर इंडिया के सीईओ मोहित मल्होत्रा ने कहा, ‘हमने कम आवश्यक उत्पादों पर उपभोक्ताओं के खर्च में सुधार होते देखा है। हम अपने हेल्थकेयर पोर्टफोलियो को सुदृढ़ करना जारी रखते हुए ग्रामीण बाजार में अपनी पैठ बढ़ाने और होम एवं पर्सनल केयर श्रेणी में अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए निवेश करेंगे।’
इमामी के निदेशक मोहन गोयनका ने कहा कि पिछली दो तिमाहियों के दौरान सुधार को देखते हुए कंपनी को विश्वास है कि वह वित्त वर्ष 2021 को ऊंचे एकल अंक की वृद्धि के साथ अलविदा करेगी।
