सॉफ्टवेयर बिक्री कर अच्छी-खासी कमाई करने वाली कंपनियों पर भारत में कर की तलवार लटक रही है।
रॉयल्टी से होने वाली आय पर कर नहीं चुकाने के कारण माइक्रोसॉफ्ट, एसएपी और ऑरेकल जैसी प्रमुख कंपनियों को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।वैसे भारत में सॉफ्टवेयर कंपनियों की कमाई पर कर लगाए जाने का मुद्दा नया नहीं है। इस पर पिछले 15 वर्षों से बहस की जाती रही है। इस मुद्दे पर विश्लेषकों की राय अलग-अलग रही है।
नई दिल्ली में आयकर आयुक्त (अपील) द्वारा दिए गए एक फैसले के मुताबिक माइक्रोसॉफ्ट पर 1999 से 2005 की अवधि के लिए सॉफ्टवेयर बिक्री से हुई कमाई के एवज में 700 करोड़ रुपये का कर और ब्याज बकाया है।
यह मामला माइक्रोसॉफ्ट की सहयोगी कंपनी ग्रेसमैक कॉरपोरेशन से संबद्ध है। कमिश्नर इनकम टैक्स (अपील) का कहना है कि कंपनी पर भारतीय ग्राहकों के लिए सॉफ्टवेयर की बिक्री से रॉयल्टी इनकम पर आय कर की देनदारी बकाया है।कंपनी ने 6 वर्षों के दौरान तकरीबन 2240 करोड़ रुपये की रॉयल्टी आय अर्जित की।