कामचोरों के लिए अब सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों में कोई जगह नहीं रह गई है।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), इन्फोसिस टेक्नोलॉजिज और विप्रो समेत तमाम आईटी दिग्गज अब उम्मीद के मुताबिक काम नहीं करने वालों को बाहर का रास्ता दिखाने जा रही हैं।
इन्फोसिस ने तो आधिकारिक तौर पर इसका ऐलान कर भी दिया है। कंपनी ने वार्षिक परफॉर्मेंस साइकल खत्म होने पर तकरीबन 2,100 ऐसे लोगों पर नजर रखनी शुरू कर दी है, जो काम से जी चुराते हैं। टीसीएस ने भी 1,100 कर्मचारियों को ढंग से काम करने या घर पर आराम करने की चेतावनी दे दी है।
विप्रो ने भी उन्हीं की तर्ज पर लगभग 7 फीसदी कर्मचारियों को निकम्मों की फेहरिस्त में डाल दिया है। उससे पिछले वित्त वर्ष के दौरान उसने केवल 2 से 3 फीसदी कर्मचारियों को इस फेहरिस्त में रखा था। कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक इसका असर 3,000 कर्मचारियों पर पड़ेगा, जिनमें से ज्यादातर को पहले ही नमस्ते कहा जा चुका है।
माना जा रहा है कि पिछले वित्त वर्ष का अंत होने तक लगभग 2 लाख कर्मचारी आईटी जगत में अपनी नौकरी को राम राम कह चुके हैं। उनमें से 50,000 ने अपनी मर्जी से कंपनी छोड़ी है। एक नामी आईटी कंपनी के एचआर प्रमुख ने नाम नहीं बताते हुए कहा कि नए वित्त वर्ष में 1 लाख कर्मचारी विभिन्न कंपनियों में नौकरी शुरू करेंगे।
विप्रो के आईटी कारोबार के संयुक्त मुख्य कार्य अधिकारी गिरीश परांजपे ने कहा, ‘हम हर साल ऐसा करते हैं और तकरीबन 2 से 5 फीसदी कर्मचारी इस फेहरिस्त में आ जाते हैं। पिछले वित्त वर्ष में आईटी कारोबार से 5 से 7 फीसदी कर्मचारियों को हटाया गया है।’
सॉफ्टवेयर कंपनियों के संगठन नैसकॉम के अध्यक्ष सोम मित्तल ने कहा, ‘प्रदर्शन ही वह आधार रहा है, जिस पर कंपनियां अच्छा काम करने वालों को बेहतर वेतन वगैरह देती हैं और खराब कर्मचारी से छुटकारा पा लेती हैं। अभी तक आईटी के हालात अच्छे थे, इसलिए इसका इस्तेमाल नहीं किया गया। लेकिन मंदी आते ही कंपनियां निकम्मे कर्मचारियों पर डंडे का इस्तेमाल कर रही हैं। यह पूरी दुनिया में हो रहा है, केवल भारत में नहीं।’
एचसीएल टेक्नोलॉजिज जैसी मझोली कंपनी भी ऐसा ही कर रही है। कंपनी ने हाल ही में दिल्ली और बेंगलुरु में काम नहीं करने वाले 450 कर्मचारियों को दरवाजा दिखाया था। कहा जा रहा है कि उसने कुछ और कर्मचारियों को सलाम कहने का मन बना लिया है।
कंपनी ने कम काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन में 25 फीसदी कटौती की योजना भी बनाई है। पटनी कंप्यूटर सिस्टम्स के बारे में भी यही खबर है कि उसने पिछले वित्त वर्ष में 500 कर्मचारियों की छंटनी की थी।
काम ही आएगा अब काम
इन्फोसिस ने 3.5 फीसदी को रखा कामचोरों की श्रेणी में
विप्रो को दिखे अपने यहां 7 फीसदी काम में कमजोर
टीसीएस भी हो चुकी है 1 फीसदी कर्मियों से खफा
चालू वित्त वर्ष में आएंगे 1 लाख और जाएंगे 2 लाख
