टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (टीसीपी) के शेयर में पिछले 12 महीनों के दौरान अन्य एफएमसीजी कंपनियों के मुकाबले सबसे अधिक बढ़त दर्ज की गई। ब्रांडेड चाय कारोबार में मात्रात्मक बिक्री और प्राप्तियों में वृद्धि से कंपनी के शेयर को बल मिला। इसके अलावा कंपनी के फूड कारोबार के दमदार प्रदर्शन और विदेशी कारोबार में सुधार होने से भी इस शेयर को सहारा मिला।
टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स भारत में ब्रांडेड पैकेटबंद चाय का कारोबार करने वाली एक प्रमुख कंपनी है और मात्रात्मक बिक्री के लिहाज से उसकी बाजार हिस्सेदारी सबसे अधिक है। मार्च 2020 के अनुसार, कंपनी ब्रांडेड चाय और कॉफी की बिक्री से करीब दो-तिहाई राजस्व अर्जित करती है। असंगठित क्षेत्र से मांग में दमदार वृद्धि और बाजार हिस्सेदारी बढऩे से हालिया तिमाहियों के दौरान कंपनी की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में कंपनी की मात्रात्मक बिक्री और प्राप्तियों दोनों में 8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई जबकि वित्त वर्ष 2020 में ये आंकड़े क्रमश: 7 फीसदी और 1 फीसदी रहे थे। विश्लेषकों का मानना ??है कि इस प्रवृत्ति फिलहाल बरकरार रहेगी क्योंकि चाय की कीमतों में तेजी के कारण असंगठित क्षेत्र पर दबाव बरकरार है।
मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज के अनुसंधान विश्लेषक सुमंत कुमार ने कहा, ‘वर्तमान में भारतीय चाय बाजार के करीब आधे हिस्से पर खुले चाय कारोबार का वर्चस्व है। चाय की कीमतों में वृद्धि होने से खुले चाय के कई विक्रेताओं को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में असंगठित से संगठित कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी में तेजी आने की उम्मीद है।’
विभिन्न पेय श्रेणियों में अपनी मौजूदगी के साथ कंपनी के दमदार ब्रांड और व्यापक भौगोलिक पहुंच से उसके विदेशी कारोबार को रफ्तार मिल रही है।
सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि टाटा संपन्न ब्रांड के तहत कंपनी के फूड कारोबार में विस्तार से भविष्य की वृद्धि को रफ्तार मिलेगी। वित्त वर्ष 2020 में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने टाटा केमिकल्स (टीसीएल) के उपभोक्ता उत्पाद कारोबार का अधिग्रहण किया था जिसमें नमक (टाटा साल्ट ब्रांड) के अलावा मसाले, दाल एवं अन्य खाद्य उत्पाद (टाटा संपन्न) शामिल हैं।
कुमार ने कहा, ‘वर्तमान में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के भारतीय कारोबार के दो स्तंभ- टाटा टी और टाटा साल्ट- हैं। कंपनी टाटा संपन्न ब्रांड के तहत अपने दाल एवं मसाले कारोबार को तीसरा स्तंभ बनाने की कोशिश कर रही है। इस श्रेणी में ऊंचे दो अंकों के साथ वृद्धि के आसार हैं।’ दालों और मसालों के घरेलू बाजार का आकार क्रमश: 1.5 लाख करोड़ रुपये और 60,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। इसमें असंगठित क्षेत्र की हिस्सेदारी क्रमश: 99 फीसदी और 70 फीसदी है। विश्लेषकों का कहना है कि असंगठित क्षेत्र से बाजार हिस्सेदारी हासिल होने, नए उत्पादों को बाजार में उतारे जाने और वितरण नेटवर्क में विस्तार से कंपनी की वृद्धि को रफ्तार मिलेेगी।
टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स फिलहाल अपने खाद्य एवं पेय कारोबार को एकीकृत करने की प्रक्रिया में है। इससे राजस्व वृद्धि की उल्लेखनीय संभावनाएं पैदा होंगी। इसके अलावा कंपनी को लागत में बचत करने और मार्जिन बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
