दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी (खुराक के लिहाज से) सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) अगले कुछ हफ्तों में कोविड-19 टीके की लगभग 40 करोड़ खुराक की आपूर्ति के लिए गावी-कोवैक्स के साथ एक समझौते को अंतिम रूप दे सकती है। हालांकि एसआईआई ने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है लेकिन इस घटनाक्रम से वाकिफ लोगों ने संकेत दिया है कि कोविड-19 टीके की करीब 30-40 करोड़ खुराक के लिए आपूर्ति से जुड़े समझौते को अंतिम रूप देने पर बातचीत जारी है।
सीरम इंस्टीट्यूट ने पहले से ही ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका और नोवावैक्स टीके की 3 डॉलर प्रति खुराक के लिहाज से 10-10 करोड़ के दो करार गावी-कोवैक्स को आपूर्ति के लिए की है। पुणे स्थित कंपनी को इसके लिए बिल ऐंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन से करीब 30 करोड़ डॉलर की जोखिम से जुड़ी फंडिंग भी मिली थी। जब इन सौदे पर हस्ताक्षर किए गए थे तब समझौते में आगे 90 करोड़ तक की खुराक की आपूर्ति के लिए इंतजाम का विकल्प था। करीब 40 करोड़ खुराक का आपूर्ति सौदा पहले से मौजूद करार से अलग होगा। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि सीरम इंस्टीट्यूट कोवैक्स को आपूर्ति कब शुरू कर पाएगी क्योंकि इसे पहले भारत सरकार को आपूर्ति करनी है। जानकार लोगों को लगता है कि मार्च-अप्रैल के आसपास सीरम इंस्टीट्यूट कोवैक्स की आपूर्ति शुरू कर सकती है। इसे 3 जनवरी को ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका टीका के लिए भारत के औषधि नियामक से सीमित आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी। ऐसे में सीरम को निजी बाजार में टीका बेचने और विदेशों में निजी ठेकेदारों को निर्यात करने की अनुमति नहीं है। हालांकि, अगर कोई देश इसे अपने राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के लिए खरीदता है तो यह निर्यात कर सकता है।
कंपनी के पास पुणे में अपने हडपसर संयंत्र में पैक किए गए टीकों की 5 करोड़ खुराक है और अन्य 5 करोड़ खुराकों को कंपनी पैक करने के लिए तैयार हैं। कंपनी अब हर महीने 6.7 करोड़ खुराक तैयार कर सकती है और तीसरे संयंत्र (मौजूदा साइट के निकट) के पूरी तरह से चालू हो जाने के बाद हर महीने 10 करोड़ खुराक तैयार करने की क्षमता हासिल कर सकती है। ऐसी खबर है कि इस वक्त भारत सरकार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से 2 करोड़ खुराक खरीदने पर विचार कर रही है। कोवैक्स विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा तैयार की गई महत्त्वाकांक्षी पहल है जिसमें गावी (टीके के लिए गठबंधन) और महामारी तैयारी से जुड़े नवाचारों के लिए गठबंधन (सीईपीआई) का साथ भी है। पिछले साल अप्रैल में डब्ल्यूएचओए यूरोपीय आयोग और फ्रांस ने महामारी को देखते हुए इसकी पहल की थी और विचार यह था कि दुनिया भर में टीके का समान वितरण सुनिश्चित किया जा सके। कोवैक्स में हिस्सा लेने वाले सभी देशों, उनकी आमदनी के स्तर की परवाह किए बिना कोविड-19 टीके के लिए उनकी समान पहुंच होगी और कोवैक्स का मकसद 2021 के अंत तक 2 अरब खुराक उपलब्ध कराना है। पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट जो पहले से ही गावी, सीईपीआई और अन्य अंतरराष्ट्रीय खरीद एजेंसियों के लिए एक वैश्विक आपूर्तिकर्ता है वह कोवैक्स को टीकों की आपूर्ति में अहम भूमिका निभा सकती है।
