सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका स्थित नोवावैक्स द्वारा विकसित कोविड-19 के टीके-कोवोवैक्स की पहली खेप का उत्पादन पुणे में शुरू हो गया है। केंद्र को अगस्त और दिसंबर के बीच कोवोवैक्स की 20 करोड़ खुराक उपलब्ध होने की उम्मीद है। यूएसएफडीए की मंजूरी के बाद भारत यहां इस टीके के प्रवेश की अनुमति देगा। एसआईआई के आधिकारिक हैंडल के एक ट्वीट में कंपनी ने कहा, ‘विशेष उपलब्धि मिल गई है, इस सप्ताह हमने यहां पुणे में अपने सुविधा केंद्र में कोवोवैक्स (नोवावैक्स द्वारा विकसित कोविड-19 के टीके) का अपना पहला बैच शुरू कर दिया।’
कंपनी पिछले कुछ समय से कोवोवैक्स की खुराक का स्टॉक जमा कर रही थी। एसआईआई ने स्पष्ट किया कि यह कम मात्रा में था। कोवोवैक्स का मासिक उत्पादन लक्ष्य पांच करोड़ है। सूत्रों का दावा है कि यह सितंबर तिमाही तक बढ़कर इस स्तर पर पहुंच जाएगा।
एसआईआई ने यह भी संकेत दिया है कि वह जुलाई में कोवोवैक्स का बच्चों पर क्लीनिकल परीक्षण शुरू करने की योजना बना रही है। नोवावैक्स ने इस महीने कहा था कि उन्हें अमेरिका और मैक्सिको में अपने प्रिवेंट-19 के तीसरे चरणों के परीक्षणों में कुल 90.4 प्रतिशत कारगरता के साथ उत्साहजनक परिणाम मिले हैं।
कंपनी ने एक बयान में कहा था कि टीका उम्मीदवार एनवीएक्स-कोवी2373 ने मध्य और गंभीर बीमारी के खिलाफ 100 प्रतिशत सुरक्षा, कुल 90.4 प्रतिशत कारगरता दिखाई है तथा प्रिवेंट-19 के तीसरे चरण के परीक्षण में शुरुआत के अंतिम पड़ाव को भी पूरा किया है।
कंपनी ने कहा है कि नोवावैक्स तीसरी तिमाही (कैलेंडर वर्ष) में विनियामकीय अधिकार दाखिल करेगा। कंपनी ने कहा कि विनियामक मंजूरी के आधार पर वह तीसरी तिमाही के अंत तक प्रति माह 10 करोड़ खुराक विनिर्माण क्षमता और वर्ष 2021 की चौथी तिमाही तक प्रति माह 15 करोड़ खुराक विनिर्माण क्षमता तक पहुंचने की राह पर है।
एसआईआई इस उत्पादन लक्ष्य तक पहुंचने में महत्त्वपूर्ण साझेदार है, क्योंकि वह पुणे में कोवोवैक्स की करीब पांच करोड़ खुराकें प्रति माह बनाने जा रही है। एसआईआई के मुख्य कार्याधिकारी अदार पूनावाला ने कुछेक महीने पहले इस बात का संकेत दिया था कि अमेरिका से कच्चे माल की आपूर्ति की कमी ने कोवोवैक्स में इजाफे की योजना को प्रभावित किया है।