स्थानीय अदालत ने सत्यम कंप्यूटर के संस्थापक बी. रामलिंग राजू और उनके भाई रामा राजू से पूछताछ करने की अनुमति दिए जाने संबंधी बाजार नियामक सेबी की याचिका को खारिज कर दिया है।
सेबी उन्हें अपनी हिरासत में रखकर पूछताछ करना चाहता है। अदालत ने गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) की ओर से इसी आशय की एक अन्य याचिका पर सुनवाई करने से ही इनकार कर दिया।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने राजू भाइयों को एक दिन की हिरासत में लेने से जुड़ी सेबी की याचिका खारिज कर दी है। एसएफआईओ की याचिका में रामलिंग राजू और सत्यम के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी वी. श्रीनिवास वाडलामणि को छह दिन की हिरासत की मांग की गई थी। निचली अदालत ने इस मांग को सुनवाई के लिए अयोग्य करार देते हुए वापस कर दिया।
इस बीच तीनों को 31 जनवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। रामा राजू को आज सुबह न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, जबकि रामलिंग राजू और श्रीनिवास को पांच दिनों की पुलिस हिरासत के बाद शुक्रवार शाम अदालत में पेश किया गया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
अदालत ने रामलिंग राजू और श्रीनिवास की जमानत याचिका की सुनवाई की तारीख 27 जनवरी को तय की है और 28 जनवरी को रामा राजू की जमानत याचिका की सुनवाई होगी। सरकारी वकील के. अजय कुमार ने रामलिंग की जमानत याचिका का विरोध किया था।
उन्होंने दलील दी थी कि रामलिंग राजू को आम जनता के पैसे का रक्षक बनना था, लेकिन खातों में हेराफेरी कर उन्होंने उनका भरोसा तोड़ा है। उन्होंने कहा कि जो अपराध उन्होंने किए हैं, वह गंभीर और नृशंस है।
राजू बंधुओं को नौ जनवरी और श्रीनिवास को 10 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था और 7, 800 करोड़ रुपये के घोटाले के खुलासे के एक दिन बाद से सेबी और एसएफआईओ के जांच दल उनसे संपर्क नहीं कर पाए हैं।