स्वच्छ ऊर्जा में करार करेगी श्नाइडर

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 6:57 PM IST

फ्रांस की ऊर्जा एवं स्वचालन क्षेत्र की बहुराष्ट्रीय कंपनी श्नाइडर इलेक्ट्रिक अपने परिचालन को कार्बनमुक्त करने और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को अपनाने के लिए भारतीय कंपनियों के साथ करार करने की संभावनाएं तलाश रही है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
कंपनी भारत को अमेरिका और चीन के बाद अपना तीसरा सबसे बड़ा बाजार मानती है। इसलिए वह देश में अनुसंधान एवं विकास (आरऐंडडी), विनिर्माण एवं बिक्री से लेकर डेटा सेंटर, भवन, वाणिज्यिक एवं औद्योगिक परिसर आदि में निवेश बढ़ा रही है।
श्नाइडर इलेक्ट्रिक के कार्यकारी उपाध्यक्ष (वैश्विक ऊर्जा प्रबंधन कारोबार) ओलिवियर ब्लम ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा कि भारत में विकास संभावनाएं काफी अधिक हैं क्योंकि अक्षय ऊर्जा स्रोतों के जरिये ऊर्जा जरूरतें पूरी करने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘भारतीय कंपनियों के बीच ऊर्जा कुशल एवं स्थायी समाधान की जरूरतें तेजी से बढ़ रही हैं। हम ऊर्जा कुशल एवं स्थायी समाधान प्रदान करने वाली कंपनियों के लिए डिजिटल साझेदार बनना चाहते हैं। हम भारत में साझेदारी पर गौर कर सकते हैं जो मौजूद अवसरों पर निर्भर करेगी।’
ब्लम ने कहा, ‘आज बाजार में अधिकतर बड़े भवनों, वाणिज्यिक संस्थानों और परिसरों के लिए भारत ग्रिड ऊर्जा पर निर्भर है जो काफी हद तक जीवाश्म ईंधन पर आधारित है। इसलिए अक्षय ऊर्जा स्रोतों के लिए माइक्रोग्रिड तैयार करने की आवश्यकता है।’
श्नाइडर इलेक्ट्रिक ने टेमासेक के साथ मिलकर लार्सन ऐंड टुब्रो के इलेक्ट्रिकल एवं स्वचालन कारोबार के अधिग्रहण के लिए 2020 में 14,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था। श्नाइडर इलेक्ट्रिक की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक इकाई श्नाइडर इंडिया के तहत इस कारोबार में टेमासेक की 35 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि शेष 65 फीसदी हिस्सेदारी फ्रांस की इस प्रमुख कंपनी की है।
ग्रीनेक्स्ट नाम के एक संयुक्त उद्यम में किए गए निवेश के जरिये टेमासेक और श्नाइडर इलेक्ट्रिक उद्योगों को माइक्रोग्रिड के जरिये स्थानीय तौर पर बिजली उत्पादन में मदद करेंगी। पिछले साल दिसंबर में शुरू किए गए और भारत एव दक्षिण पूर्व एशिया पर केंद्रित इस संयुक्त उद्यम में टेमासेक की हिस्सेदारी 65 फीसदी है जबकि श्नाइडर की हिस्सेदारी 35 फीसदी है।
इस बीच, एलऐंडटी की इकाई के अधिग्रहण से भारत न केवल श्नाइडर के लिए शीर्ष तीन वैश्विक बाजारों में शामिल हो गया बल्कि उसे अनुसंधान, नवाचार, विनिर्माण एवं निर्यात के मोर्चे पर फ्रांस, अमेरिका और चीन के बाद चौथे पायदान पर ला दिया।
कंपनी ने पहले संकेत दिया था कि वह अगले चार वर्षों में भारत से निर्यात को दोगुना करना चाहती है जिसके लिए वह देश में अपनी विनिर्माण इकाइयों का विस्तार करेगी। हाल में कंपनी ने इसी क्रम में गुजरात के अपने वड़ोदरा संयंत्र में क्षमता विस्तार की प्रक्रिया शुरू की है।

First Published : May 17, 2022 | 12:48 AM IST