ए. एस. मूर्ति : मूर्ति को कॉर्पोरेट जगत में एएसएम के नाम से भी जाना जाता है। वे सत्यम के साथ जनवरी 1994 से काम कर रहे है।
100 कर्मचारियों से लेकर 50,000 कर्मचारियों तक के सफर के गवाह रहे हैं मूर्ति। मौजूदा समय में वे मुख्य आपूर्र्ति अधिकारी की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। इसके अलावा वे कंपनी में मानव संसाधन का बेहतर इस्तेमाल करने के लिए जिम्मेदार है।
एएसएम सत्यम में सभी परिसंपत्ति कारोबारों की समीक्षा भी करते हैं। नैशनल इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी (वारंगल) के इस इलेक्ट्रिकल इंजीनियर ने इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ साइंस (बेंगलुरु) से स्नातकोतर की उपाधि लेने के बाद टीसीएस में नौकरी की। उपका इस उद्योग में लंबे समय काम का अनुभव है।
होमी खुसरोखान : सिडनहैम कॉलेज ऑफ कॉमर्स ऐंड इकोनॉमिक्स से स्नातक की उपाधि लेने के अलावा उन्होंने भारत में चार्टर्ड अकांउटैंट की योग्यता भी हासिल की। वे दिसंबर, 2008 में टाटा केमिकल्स से बतौर प्रबंध निदेशक सेवानिवृत हुए। वे टाटा की कई कंपनियों के बोर्ड में गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में शामिल रह चुके हैं।
पार्थ एस. दत्ता : इस चार्टर्ड अकाउंटैंट के पास कॉर्पोरेट जगत में 33 वर्ष काम करने का अनुभव है। सबसे पहले उन्होंने डनलप इंडिया लिमिटेड के साथ काम किया, फिर अल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड में लंबे समय तक पार्थ एस. दत्ता ने कई?पदोन्नति के साथ काम किया। 1998 में उन्होंने मुरुगप्पा समूह में बतौर समूह निदेशक (वित्त) काम शुरू किया।
