सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज लिमिटेड के निदेशक मंडल में जल्द ही पूर्णकालिक निदेशकों को भी नामित किया जाएगा।
कंपनी मामलों के मंत्रालय के उच्च अधिकारी का कहना है कि कंपनी के बोर्ड का पुनर्गठन करने के दौरान जब बाकी के सात सदस्यों का चयन किया जाएगा, उसी वक्त सरकार की योजना पूर्णकालिक निदेशकों को नियुक्त करने की भी है।
कंपनी मामलों के मंत्रालय को कंपनी लॉ बोर्ड (सीएलबी) से अंतरिम आदेश मिला था कि वे हैदराबाद की आईटी कंपनी के मौजूदा बोर्ड की निगरानी करें। अब मंत्रालय की योजना सत्यम में कामकाज को आसान बनाने के लिए एक सप्ताह के भीतर निदेशकों की घोषणा करने की है।
मंत्रालय के अधिकारी का कहना है, ‘हमें ऐसा लगता है कि कंपनी को चलाने के लिए किसी ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो अपना पूरा समय दे सके क्योंकि मौजूदा निदेशकों पर इसके अलावा भी जिम्मेदारियां हैं।’ कितने निदेशकों को मंत्रालय नामित करना चाहता है, अभी इसका भी फैसला मंत्रालय नहीं ले पाया है।
सरकार ने तीन निदेशक- दीपक पारेख, किरण कार्णिक और सी अच्युतन को रविवार को सत्यम के नए गठित बोर्ड में शामिल किया है। इसके अलावा सरकार कंपनी रजिस्ट्रार की ओर से दाखिल की गई रिपोर्ट के आधार पर गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) से जांच भी करा रही है।
लेकिन सरकार के हैदराबाद आईटी कंपनी का नियंत्रण अपने हाथ में लेने बावजूद सत्यम के लिए निदेशक चुनने में मुश्किल हो रही है। दरअसल धोखाधड़ी का वज्रपात झेल चुकी कंपनी के लिए निदेशक पद के दावेदारों को मना पाना सरकार के लिए मुश्किल हो गया है।