रुचि सोया इंडस्ट्रीज ने पिछले छह महीने के दौरान अपने बाजार पंूजीकरण में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की है। इस दौरान फ्री-फ्लोट्स अथवा गैर-प्रवर्तक शेयरों की संख्या काफी कम रहने और मामूली ट्रेडिंग के कारण कंपनी के बाजार पूंजीकरण को बल मिला। खाद्य तेल बनाने वाली इस कंपनी के बाजार पूंजीकरण में पिछले साल नवंबर के आरंभ से अब तक करीब 300 गुना वृद्धि दर्ज की गई है जबकि ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवालिया संहिता (आईबीसी) के तहत पतंजलि आयुर्वेद के अधिग्रण के बाद उसके बाजार पूंजीकरण में 70 गुना वृद्धि दर्ज की गई है।
शुक्रवार को कारोबार बंद होने पर रुचि सोया का बाजार पूंजीकरण करीब 35,000 करोड़ रुपये रुपये था जबकि आईबीसी प्रक्रिया के कारण खरीद-फरोख्त निलंबित होने से एक दिन पहले यानी 13 नवंबर 2019 को कंपनी का बाजार पूंजीकरण 111 करोड़ रुपये था। पतंजलि आयुर्वेद का अधिग्रहण 4,350 करोड़ रुपये के एक सौदे के तहत किए जाने के बाद 27 जनवरी 2020 को रुचि सोया के शेयरों का खरीद-फरोख्त दोबारा शुरू हो गया। उस दिन यह शेयर 500 करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ बंद हुआ था और उसके बाद से शुक्रवार को 5 फीसदी के सर्किट को छुआ।
अपने मौजूदा बाजार पूंजीकरण पर रुचि सोया पिछले 12 महीने की आय के 125 गुना पी/ई गुणक के साथ सबसे अधिक महंगे शेयरों से एक है जो हिंदुस्तान यूनिलीवर के मुकाबले करीब 50 फीसदी अधिक और मैरिको के मुकाबले दोगुना अधिक है। पी/ई गणना में अप्रत्याशित लाभ अथवा हानि को शामिल नहीं किया गया है।
करीब 15 वर्ष पहले मेटल्स ऐंड मिनरल ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (एमएमटीसी) के शेयर मूल्य में इसी तरह की तेजी दर्ज की गई थी जहां भारत सरकार के स्वामित्व वाले कंपनी के सभी 99 फीसदी शेयरों को 1 फीसदी से कम फ्री-फ्लोट में बदला गया था। एमएमटीसी का बाजार पूंजीकरण 31 मार्च 2004 को 890 करोड़ रुपये से बढ़कर मार्च 2009 के अंत में 1.09 लाख करोड़ रुपये और मार्च 2010 के अंत में 1.57 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक ऊंचाई पर पहुंच गया। अपने चरम पर यह मार्च 2010 के अंत में 1108 गुना पी/ई गुणक के साथ स्टॉक एक्सचेंज पर सबसे महंगे शेयरों में शामिल था।
लेकिन जैसे ही सरकार ने 2010 में कंपनी में अपनी हिस्सेदारी घटाने की योजना प्रस्तुत की तो इसमें गिरावट शुरू हो गई। वर्ष 2010 और 2015 के बीच इसके बाजार पूंजीकरण में 97 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई क्योंकि इस अवधि के अंत तक फ्री-फ्लोट 0.67 फीसदी से बढ़कर 10 फीसदी तक पहुंच गया। कंपनी का मौजूदा बाजार पूंजीकरण 43 गुना पी/ई गुणक के साथ करीब 4,300 करोड़ रुपये है।
कंपनी में फ्री-फ्लोट अथवा गैर-प्रवर्तक शेयर हिस्सेदारी में भारी गिरावट के साथ ही एमएमटीसी की ही तरह रुचि सोया के शेयर मूल्य में जबरदस्त तेजी दर्ज की गई। इस साल 31 मार्च के अंत में कंपनी का फ्री-फ्लोट घटकर 1.1 फीसदी रह गई जबकि सितंबर 2019 तिमाही के अंत में यह 15.53 फीसदी, 31 मार्च 2019 को 28 फीसदी और 30 जून 2018 को 58.28 फीसदी रहा था। इससे ट्रेडिंग वॉल्यूम में भारी गिरावट आई क्योंकि द्वितीयक बाजार में बिक्री और आम बाजार में खरीदारी के लिए कुछ ही शेयर उपलब्ध थे।
रुचि सोया में गैर-प्रवर्तकों अथवा आम शेयरधारकों के पास 32.6 लाख शेयर हैं जबकि 31 दिसंबर 2019 को यह आंकड़ा 28.22 करोड़ और 30 जून 2018 को 17.2 करोड़ रहा था। इसका असर इस शेयर के ट्रेडिंग वॉल्यूम में स्पष्ट तौर पर दिखाई देता है।
