1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हुआ रियल्टी क्षेत्र का स्टॉक

FY24 की पहली छमाही में उद्योग का स्टॉक पिछले साल की तुलना में 28 प्रतिशत तक बढ़ चुका है, जबकि इसी अवधि के दौरान शुद्ध बिक्री में पिछले साल के मुकाबले 25.5% का इजाफा है।

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कृष्ण कांत   
Last Updated- December 25, 2023 | 12:11 PM IST

पिछले 18 महीने के दौरान रियल एस्टेट उद्योग में सुधार नजर आया है। डेवलपर वै​श्विक महामारी कोविड-19 की वजह से गंवाया हुआ आधार वापस पाने लगे हैं। लेकिन उद्योग में एक बार फिर बिक्री की तुलना में स्टॉक ज्यादा तेज रफ्तार से बढ़ रहा है।

वित्त वर्ष 24 की पहली छमाही में उद्योग का स्टॉक पिछले साल की तुलना में 28 प्रतिशत तक बढ़ चुका है, जबकि इसी अवधि के दौरान शुद्ध बिक्री में पिछले साल के मुकाबले 25.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। यह ​​​​स्थिति वित्त वर्ष 23 की पहली छमाही के विपरीत है, जब शुद्ध बिक्री में इससे पिछले साल की तुलना में 24.2 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई थी, जबकि स्टॉक के स्तर में सालाना आधार पर केवल 8.2 प्रतिशत तक की ही वृद्धि हुई थी।

इसके परिणामस्वरूप प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों का संयुक्त स्टॉक 1.045 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया, जो मौजूदा रफ्तार के लिहाज से 33 महीने की बिक्री के बराबर है। मार्च 2021 के अंत में 72,572 करोड़ रुपये के हालिया निचले स्तर से इसमें 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

बिजनेस स्टैंडर्ड के नमूने में शामिल रियल्टी कंपनियों ने अप्रैल-सितंबर 2023 की अवधि के दौरान 17,464 करोड़ रुपये की संयुक्त शुद्ध बिक्री दर्ज की थी, जो उससे एक साल पहले के 13,911 करोड़ रुपये की तुलना में 25.5 प्रतिशत अधिक है। इन कंपनियों की बिना बिकी संपत्तियों का संयुक्त स्टॉक वित्त वर्ष 24 की पहली छमाही के दौरान सालाना आधार पर 28 प्रतिशत तक बढ़ चुका है। एक साल पहले यह रा​शि 81,720 करोड़ रुपये थी।

यह विश्लेषण रियल एस्टेट क्षेत्र की सूचीबद्ध 19 कंपनियों के सामान्य नमूने पर आधारित है, जो बीएसई 500, बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप सूचकांकों का हिस्सा हैं।

बिजनेस स्टैंडर्ड के नमूने में शामिल रियल्टी क्षेत्र की कुछ कंपनियों में डीएलएफ, ओबेरॉय रियल्टी, गोदरेज प्रॉपर्टीज, ब्रिगेड एंटरप्राइजेज, प्रेस्टीज एस्टेट्स और पूर्वांकरा भी मौजूद हैं।
नमूने में वित्त वर्ष 24 की पहली छमाही के आ​खिर में अपेक्षाकृत बड़े स्टॉक वाले सूचीबद्ध डेवलपर में प्रेस्टीज एस्टेट्स (19,864 करोड़ रुपये), डीएलएफ (19,570 करोड़ रुपये), गोदरेज प्रॉपर्टीज (17,029 करोड़ रुपये), ओबेरॉय रियल्टी (8,260 करोड़ रुपये) और पूर्वांकरा (8,179 करोड़ रुपये) शामिल हैं।

इस नमूने में अप्रैल 2021 में सूचीबद्ध मैक्रोटेक डेवलपर्स को शामिल नहीं किया गया है।

पिछले पांच साल के दौरान उद्योग की संयुक्त शुद्ध बिक्री में चार प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक दर (सीएजीआर) से इजाफा हुआ है, जबकि सितंबर 2018-23 की अवधि के दौरान स्टॉक में 6.3 प्रतिशत सीएजीआर के साथ इजाफा हुआ। इसके परिणामस्वरूप उद्योग का स्टॉक और शुद्ध बिक्री का अनुपात महामारी से पहले के औसत से लगभग 25 प्रतिशत अधिक है।

पिछले 18 महीने के दौरान उद्योग की संयुक्त शुद्ध बिक्री सालाना आधार पर औसतन 24.9 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि सितंबर 2019 से मार्च 2021 की अवधि के दौरान सालाना आधार पर औसत 23.4 प्रतिशत की गिरावट आई थी। बिक्री में इस सुधार से महामारी के कारण जमा स्टॉक खत्म करने को संभव किया है।

नतीजतन उद्योग का स्टॉक-शुद्ध बिक्री अनुपात सितंबर 2020 को समाप्त छह महीने के दौरान 9.2 गुना के उच्च स्तर से घटकर इस वर्ष मार्च में समाप्त छह महीने के दौरान 4.5 गुना के निचले स्तर पर आ गया।

स्टॉक की तुलना में शुद्ध बिक्री में तेज वृद्धि की वजह से आय में उछाल आई है और डेवलपरों के नकदी प्रवाह तथा बैलेंस शीट की स्थिति में सुधार हुआ है। बिजनेस स्टैंडर्ड के नमूने में शामिल कंपनियों ने वित्त वर्ष 24 की पहली छमाही में 4,831 करोड़ रुपये का समायोजित शुद्ध लाभ दर्ज किया है, जबकि वित्त वर्ष 21 की पहली छमाही में 385.4 करोड़ का शुद्ध घाटा दर्ज किया था। इसी अवधि में इन कंपनियों का नकदी भंडार इस साल सितंबर के अंत में दोगुना से भी ज्यादा होकर 10,612 करोड़ रुपये हो गया, जो सितंबर 2020 के अंत में 4,630 करोड़ रुपये था।

First Published : December 25, 2023 | 11:39 AM IST