रियल एस्टेट

2034 तक 5 गुना बढ़ेगा वैकल्पिक परिसंपत्ति बाजार, 2 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचेगा एयूएम

देश में तेजी से बढ़ रहे धनाढ्य लोग (एचएनआई) लगातार वैकल्पिक परिसंपत्तियों का रुख कर रहे हैं।

Published by
पीरज़ादा अबरार   
Last Updated- December 17, 2024 | 11:17 PM IST

देश में वैकल्पिक परिसंपत्ति बाजार इस समय करीब 400 अरब डॉलर एयूएम (प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां) का है। इसके साल 2034 तक पांच गुना बढ़कर दो लाख करोड़ डॉलर हो जाने का अनुमान है। यह उछाल निवेशकों के बढ़ते अनुभव, पोर्टफोलियो में विविधता की जरूरत और मददगार नियामकीय विकासों के बल पर होगी। एवेंडस कैपिटल के अध्ययन इंडिया गोज अल्टरनेटिव्स में यह जानकारी दी गई है।

अध्ययन में भारत में वैकल्पिक परिसंपत्तियों की वृद्धि की महत्वपूर्ण क्षमता को बताया गया है। देश में तेजी से बढ़ रहे धनाढ्य लोग (एचएनआई) लगातार वैकल्पिक परिसंपत्तियों का रुख कर रहे हैं।

अध्ययन में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि भारत में वैकल्पिक निवेश पारंपरिक निवेश के विकल्पों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे देश के धनाढ्य और अति धनाढ्य लोगों वाली श्रेणियों की रुचि ज्यादा बढ़ रही है। यह रुझान वैश्विक रुख के अनुरूप है, जहां साल 2005 से 2020 के बीच कुल वैश्विक एयूएम में विकल्पों की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत से दोगुनी होकर 20 प्रतिशत हो गई है।

एवेंडस कैपिटल के प्रबंध निदेशक और सह-प्रमुख (उपभोक्ता, एफआईजी और कारोबारी सेवा निवेश बैंकिंग) अंशुल अग्रवाल ने कहा, ‘भारत में वैकल्पिक निवेश का उभार हमारे निवेश परिदृश्य में मौलिक बदलाव को बताता है। हम पूंजी लगाने के तरीके में बुनियादी बदलाव देख रहे हैं। यह बदलाव नियामकीय संवर्द्धन, तकनीकी प्रगति और अनुभवी निवेशकों के बढ़ते आधार के बीच तालमेल से संचालित हो रहा है।’

एवेंडस कैपिटल की निदेशक (उपभोक्ता, एफआईजी और कारोबारी सेवा निवेश बैंकिंग) स्निग्धा खेमका ने कहा, ‘वैकल्पिक निवेश भारतीय निवेश यात्रा में अगले चरण का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे भारत के 10 लाख करोड़ डॉलर के जीडीपी की राह में प्रमुख उत्प्रेरक का काम करने वाले हैं। हम कई वैकल्पिक निवेश फर्मों को भारत को लेकर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए देख रहे हैं, जो विकास के अगले दौर के लिए तैयार है जिसमें विविधीकरण महत्वपूर्ण होगा।’

First Published : December 17, 2024 | 11:17 PM IST