जयभारत टेक्सटाइल ऐंड रियल एस्टेट का बाजार पूंजीकरण गासिम इंडस्ट्रीज या टाटा मोटर्स से ज्यादा हो गया है।
मुंबई की तायल समूह द्वारा प्रवर्तित इस कंपनी की पूंजी अब बढ़कर 13,108 करोड़ रुपये हो गयी है। वैसे जानकारों की राय में, कंपनी का न तो रियल एस्टेट और न ही टेक्सटाइल कारोबार बहुत बढ़िया कर रहा है। ऐसे में जयभारत के शेयरों में तेजी की कोई वजह नहीं है।
बाजार में रैंकिंग के लिहाज से यह कंपनी अब 45वीं नंबर की हो गई है। बाजार जब गिर रहा हो तब 3 महीने के अंदर ही इसके शेयरों की कीमत 2.58 गुनी बढ़ गई है। 30 अक्टूबर 2008 को कंपनी के शेयर 198.75 रुपये में मिल रहे थे, जिसके भाव 2 फरवरी को 488 रुपये हो गई।
23 जनवरी को तो जयभारत की बाजार पूंजी 15,960 करोड़ रुपये हो गई थी। यह उस दिन टाटा मोटर्स या मारुति सुजुकी की बाजार पूंजी से ज्यादा थी। कंपनी की पूंजी में इतनी तेजी से हो रही वृद्धि की वजह तायल समूह ने रियल स्टेट कारोबार को बताया।
वैसे तो जयभारत का सारा राजस्व और मुनाफा कपड़े के कारोबार से होता रहा है, लेकिन समूह की रियल एस्टेट कारोबार में काफी बड़ी योजनाएं हैं। कंपनी के मुखिया प्रवीण कुमार तायल ने बताया कि कंपनी की योजना 31 शहरों में 1,125 एकड़ में भवन निर्माण करने की है।
कंपनी ने हर साल 40 से 50 लाख वर्गफीट निर्माण जोड़ने का लक्ष्य रखा है। वैसे समूह का इतिहास विवादास्पद रहा है। कोई पांच साल पहले बैंक ऑफ राजस्थान घोटाले में यही तायल केंद्र बनकर उभरे थे। हालांकि बाद में उन्हें क्लीनचिट दे दी गई थी।
तायल ने बताया, ‘हमारे पास काफी सस्ती जमीन है और हमारी परियोजनाएं कर्ज से भी मुक्त हैं। हमारी जमीन की औसत लागत भी महज 6 रुपये प्रति वर्गफीट है। पिछले 20 साल से हम लगातार बीमारू कपड़ा मिलें खरीदते रहे हैं। इस चलते निवेशकों का कंपनी में विश्वास बढ़ रहा है।’
कंपनी के शेयरों के भाव नवंबर मध्य से तब बढ़ने शुरू हुए, जब तायल समूह ने नैशनल टेक्सटाइल कॉरपोरेशन (एनटीसी) के साथ 11 एनटीसी मिलों के विकास के लिए एक संयुक्त उपक्रम पर हस्ताक्षर किए।
