सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज की ऑडिट करने वाली कंपनी प्राइस वाटरहाउस ने भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट संस्थान (आईसीएआई) द्वारा 10 जनवरी को भेजे गए कारण बताओ नोटिस के सिलसिले में अतिरिक्त समय की गुहार लगाई है।
सत्यम के 7000 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े के बाद प्राइस वाटरहाउस पर भी गाज गिरी है। प्राइस वाटरहाउस को कहा गया था कि वह सत्यम के खाते में हुई हेराफेरी के संदर्भ में आईसीएआई की नोटिस का जबाव 21 दिनों के अंदर दें।
आईसीएआई के अध्यक्ष वेद जैन ने कहा, ‘ हैदराबाद में चल रही जांच की वजह से प्राइस वाटरहाउस ने आईसीएआई से कारण बताओ नोटिस के सिलसिले में अतिरिक्त समय की मांग की है।’ आईसीएआई कानून की धारा (8) 3 के तहत कारण बताओ नोटिस की अवधि बढ़ाकर 30 दिन करने का प्रावधान है।
जैन ने कहा कि इस पर अंतिम निर्णय आईसीएआई के निदेशक मंडल लेंगे। 24 जनवरी को आईसीएआई के दो ऑडिटरों को आंध्र प्रदेश पुलिस ने जांच के सिलसिले में हिरासत में ले लिया था। उनमें से एक एस. गोपालकृष्णन आईसीएआई के वरिष्ठ काउंसिल सदस्य हैं, तो दूसरे श्रीनिवास तल्लूरी आईसीएआई के सदस्य हैं।
