आईटी हार्डवेयर फर्मों के लिए पीएलआई में बदलाव पर विचार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 5:00 PM IST

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना तकनीक मंत्रालय  उन वैश्विक आईटी हार्डवेयर विनिर्माताओं से विमर्श कर रहा है, जो अपने उत्पादन क्षमता का एक हिस्सा चीन से चीन  में लाना चाहते हैं। इस बातचीत के तहत मेइटी आईटी हार्डवेयर के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) पर नए सिरे से काम करने की योजना बना रहा है, जिससे इन कंपनियों को पीएलआई का फायदा मिल सके और उनके लिए निवेश को आकर्षक बनाया जा सके।

पहले साल इस योजना का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। 14 वैश्विक और घरेलू फर्मों में से ज्यादातर निवेश या उत्पादन लक्ष्य की शर्तें पूरी नहीं कर सकीं, जिससे कि उन्हें प्रोत्साहन का लाभ मिल सके। 
इस योजना के पीछे की सोच के बारे में मेइटी में राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘आईटी हार्डवेयर ज्यादा उच्च वृद्धि वाला बाजार नहीं है, इसका बाजार निर्धारित है। महज 4 या 5 कारोबारी हैं और इनका करीब पूरा उत्पादन चीन में है। इनमें अन्य के साथ एचपी, डेल और ऐपल हैं और साथ ही कुछ चाइनीज ब्रांड हैं। ऐसे में बहुत सी कंपनियां नहीं हैं, जो यहां आकर निवेश कर सकती हैं और पहले दौर की पीएलआई में यह नजर आता है।’

बहरहाल इन कंपनियों ने अपने उत्पादन का एक हिस्सा भारत में स्थानांतरित करने में रुचि दिखाई है। ऐपल ने मोबाइल उपकरणों के  लिए पहले ही  ऐसा कर दिया है। चंद्रशेखर ने कहा, ‘हमें अब भरोसा है कि कंपनियां अपने उत्पादन का एक हिस्सा भारत में स्थापित करने को लेकर बहुत रुचि ले रही हैं। हम उनसे बातचीत कर रहे हैं। हम निश्चित रूप से उनका स्वागत करना चाहते हैं।’ 
उन्होंने कहा कि सरकार समझना चाहती है कि उन्हें लाने के लिए क्या किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘हम इस पर विचार कर रहे हैं कि भारत विनिर्माण को लेकर उनकी अक्षमताएं क्या हैं और भारत में उनके निवेश के लिए क्या चीजें जरूरी हैं।’

अक्षमता से आशय भारत में उत्पादन लागत और चीन और वियतनाम जैसे देशों में उत्पादन लागत के बीच अंतर से है। लक्ष्य यह है कि इसे उल्लेखनीय रूप से कम किया जाए, जैसा कि मोबाइल उपकरणों के मामले में प्रोत्साहन योजना के माध्यम से किया गया। एचपी और डेल पहले से ही आईटी हार्डवेयर के लिए मौजूदा पीएलआई योजना के तहत पात्र हैं। इसके बारे में संपर्क किए जाने पर डेल ने कहा कि वह इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकती। ऐपल ने भी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी। 
एचपी इंडिया के प्रबंध निदेशक केतन पटेल ने कहा, ‘हम सरकार के साथ विभिन्न प्रोत्साहनों पर चर्चा कर रहे हैं, जिससे विनिर्माण में कुल मूल्यवर्धन बढ़ा सकें। एचपी भारत में 2006 से विनिर्माण कर रही है और पिछले साल हमने भारत में अपने विनिर्माण का का उल्लेखनीय रूप से बढ़ाया है और हर रेंज का लैपटॉप लेकर आए हैं।’चंद्रशेखर न कहा कि नैशनल डेटा सेंटर पॉलिसी लागू होने के बाद भारत में क्लाउड और साथ ही सर्वर, पीसी और लैपटॉप की मांग बढ़ेगी।

First Published : August 8, 2022 | 11:58 AM IST