देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन फर्नीचर कंपनी पेपरफ्राई ने कोविड-19 की चुनौतियों के बावजूद खासकर गैर-मेट्रो शहरों में बढ़ रही मांग का लाभ उठाने के लिए अपनी विस्तार योजनाएं तैयार की हैं।
उसकी सबसे बड़ी प्रतिस्पर्धी अर्बन लैडर का रिलायंस रिटेल द्वारा हाल में 182 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया गया है जिससे मुंबई में मुख्यालय वाली इस कंपनी के लिए प्रतिस्पर्धा और बढ़ जाएगी। हालांकि पेपरफ्राई के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी अंबरीश मूर्ति का मानना है कि प्रतिस्पर्धा हमेशा फायदेमंद होती है। उन्होंने कहा, ‘यह अच्छा है कि उन्होंने इस क्षेत्र में प्रवेश किया है क्योंकि ज्यादा प्रतिस्पर्धा हमेशा अच्छी होती है।’
पेपरफ्राई के लिए अन्य प्रमुख प्रतिस्पर्धा स्वीडिश फर्नीचर रिटेलर आइकिया से मिल रही है, जो भारत में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से विस्तार करने की योजना बना रही है। कंपनी अपनी वैश्विक विस्तार रणनीति के तहत भारत में अपने इंगका सेंटर्स को लाने की योजना बना रही है। इंकगा सेंटर्स के चीन, यूरोप और रूस में 45 शॉपिंग केंद्र हैं। पेपरफ्राई का कहना है कि चुनौतियों के बावजूद वह भारत में अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए अपनी चार-स्तरीय रणनीति- ओमनीचैनल, सप्लाई चेन, टेक्नोलॉजी, और ब्रांड निर्माण पर कायम रहेगी।
वर्ष 2013 में शुरू कीअपनी ओमनीचैनल यात्रा के तहत पिडिलाइट-समर्थित कंपनी के 20 से ज्यादा शहरों में करीब 60 स्टोर हैं। मूर्ति का मानना है कि कंपनी अगले साल के अंत तक 100 स्टोरों का आंकड़ा पार कर लेगी।
पेपरफ्राई संगठित फर्नीचर बाजार में जिस खासियत की वजह से दूसरों से अलग है, वह है उसकी घरेलू आपूर्ति शृंखला। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास ऐसी आपूर्ति शृंखला है जो इस श्रेणी में प्रमुख सफलताओं की सबसे बड़ी निर्णायक है। इस आपूर्ति शृंखला ने हमें महामारी के दौरान भी मजबूत बने रहने में सक्षम बनाया था, क्योंकि हम डिलिवरी के लिए किसी पर निर्भर नहीं थे और यह हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि थी।’
