ऐरो वैबटैक्स के साथ पेनिंसुला ने मिलाया हाथ

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 12:44 AM IST

अशोक पीरामल समूह की सहायक कंपनी पेनिंसुला लैंड ने टेक्सटाइल और रियल एस्टेट की कंपनी एरो वैबटैक्स के साथ संयुक्त उपक्रम बनाया है।


यह संयुक्त उपक्रम देश भर में होटल बनाएगा। पिछले साल दिसंबर 2007 में ही कंपनी ने पिरामिड रिटेल के नाम से चल रही रिटेल चेन को भी बंद कर दिया है। कंपनी ने इंडियाबुलस को पिरामिड रिटेल चेन 208 करोड़ रुपये में बेची थी।

उर्वी पीरामल समूह की चेयरपर्सन हैं, वहीं उनके तीनों बेटे राजीव , हर्ष और नंदन समूह की अलग अलग इकाइयों का कारोबार देखते हैं। राजीव पीरामल समूह का पेनिंसुला के नाम से प्रॉपर्टी कारोबार देखते हैं। हर्ष पीरामल टेक्सटाइल कंपनी मोरारजी टेक्सटाइल और ऑटो पुर्जे बनाने वाली कंपनी मिरांडा टूल्स और पीएमपी कम्पोनेंट्स का कारोबार संभालते हैं।

जयदेव मोदी की कंपनी ऐरो वैबटेक्स कपड़ा कारोबार, रियल एस्टेट कंसल्टेंसी और प्रॉपर्टी विकसित करने के कारोबार में है। जयदेव मोदी पेनिंसुला लैंड के निदेशक मंडल में भी शामिल हैं। पिछले साल अप्रैल तक ऐरो के पास मुंबई में ही 1,33,000 वर्ग फुट भूमि थी।

पेनिंसुला और ऐरो वैबटेक्स मिलकर विशेष उद्देश्य वाली कंपनी (एसपीवी) बनाएंगे और इसमें दोनों कंपनियों की बराबर की हिस्सेदारी होगी। पहले चरण में दोनों कंपनियां 100 कमरों के 10 होटल बनाने के लिए मिलकर इस संयुक्त उपक्रम में 100 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। शुरुआत में उपक्रम के तहत मुंबई, पुणे, नागपुर, नासिक, महाराष्ट्र के कोल्हापुर में होटल बनाए जाएंगे।

इसके बाद कंपनी अहमदाबाद, सूरत, जामनगर, मुंद्रा पोर्ट और गोआ में होटल बनायेगी। दूसरे चरण में कंपनी की योजना दक्षिण भारत में कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और केरल में भी होटलों का निर्माण करेगी।

पहले चरण में निर्मित होटल अगले 30 हफ्तों में कार्य करना शुरू कर देंगे। पेनिनसुला का अंतरराष्ट्रीय निवेशक लेहमैन ब्रदर्स के साथ भी संयुक्त उपक्रम है।  इसमें कंपनी की 25 फीसदी हिस्सेदारी है। पेनिनसुला देश भर में 45 लाख वर्ग फुट भूमि पर आवासीय परिसर, व्यवसायिक परिसर, आईटी पार्क और विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) का निर्माण करती है।

नंदन पीरामल ने कहा, ‘हम पिछले कई साल से आवासीय, व्यवसायिक परिसर और रिटेल कारोबार के लिए निर्माण करते हैं। हमें लगा कि हॉस्पिटैलिटी हमारे प्रवेश करने के लिए सही क्षेत्र है। इसके अलावा कारोबारी यात्रियों के लिए कमरों की मांग के कारण भी हम इस क्षेत्र में आए हैं।’ उन्होंने बताया कि अभी इस बात पर विचार चल रहा है कि इन होटलों के  प्रबंधन की बागडोर उपक्रम अपने हाथ में रखे या फिर किसी होटल कंपनी को इनके संचालन का ठेका दे दे।

First Published : May 20, 2008 | 11:47 PM IST