अलकार्गो समूह की इकाई और एक्सप्रेस वितरण कंपनी गति लिमिटेड ने आज अपनी कोल्ड चेन समाधान कारोबार गति कौसर इंडिया लिमिटेड की बिक्री मंडाला कैपिटल एजी लिमिटेड को करने की घोषणा की। इसके साथ ही गति कोल्ड चेन कारोबार से ऐसे समय में बाहर हो रही है जब देश भर में टीके की बढ़ती मांग के लिए कोल्ड चेन की आवश्यकता कफी महत्त्वपूर्ण है।
गति अपनी लगभग 70 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री मौजूदा अल्पांश शेयरधारक मंडाला कैपिटल एजी लिमिटेड को करेगी। मंडाला कैपिटल एजी एक प्रमुख निजी इक्विटी फर्म है जो मुख्य तौर पर खाद्य मूल्य शृंखला में निवेश पर ध्यान केंद्रित करती है। कंपनी ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि इस सौदे से संबंधित लेनदेन अगले 30 दिनों में पूरे होने की उम्मीद है।
एक उद्योग विशेषज्ञ ने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा, ‘भारत में कोल्ड चेन का कारोबार करना आसान नहीं है क्योंकि यहां लॉजिस्टिक संबंधी तमाम समस्याएं हैं। साथ ही इस कारोबार में काफी निवेश करना पड़ता है जबकि रिटर्न कम है। यही कारण है कि यह कारोबार अधिक आकर्षक नहीं रह गया है।’ इस लेनदेन के पूरे होने के बाद मंडाला का गति कौसर में नियंत्रणयोग्य हिस्सेदारी हो जाएगी जबकि फिलहाल उसकी हिस्सेदारी 30 फीसदी है। मंडाला 2014 से ही गति कौसर में शेयरधारक है।
इस लेनदेन के पूरे होने के बाद गति का समेकित सकल ऋण बोझ में करीब 100 करोड़ रुपये की कमी आएगी। इसके अलावा गति पिछले 12 महीनों में अपने सकल ऋण बोझ में करीब 50 फीसदी से अधिक की कमी करने में समर्थ होगी। पिछले साल अलकार्गो के खेमे में आने के बाद से ही लगातार बदलाव की राह पर अग्रसर है। इसके तहत वह परिसंपत्ति को हल्का करने और अधिक रिटर्न हासिल करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
पिछले साल के दौरान इसने अपने गैर-प्रमुख कारोबार को बेच दिया अथवा बंद कर दिया ताकि पूरी तरह एक्सप्रेस वितरण और ई-कॉमर्स कारोबार पर ध्यान केंद्रित करते हुए बाजार में अग्रणी स्थिति हासिल की जा सके।
गति को 173.40 करोड़ रुपये का घाटा
गति लिमिटेड ने बुधवार को बताया कि 31 मार्च 2021 को खत्म हुई तिमाही के दौरान उसका समेकित घाटा बढ़कर 173.40 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने बताया कि इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में उसका घाटा 70.60 करोड़ रुपये रहा था। गति लिमिटेड ने शेयर बाजार को बताया कि समीक्षाधीन अवधि में उसकी परिचालन आय 9.88 फीसदी बढ़कर 406.64 करोड़ रुपये हो गई जो इससे एक साल पहले की समान अवधि में 370.09 करोड़ रुपये थी। भाषा