लो अर्थ ऑर्बिट (लियो) ब्रॉडबैंड उपग्रह संचार कंपनी वनवेब ने शुक्रवार को कहा कि वह अमेरिकी चैप्टर-11 के तहत दिवालियापन प्रक्रिया से उबर चुकी है और कंपनी को सभी जरूरी नियामकीय अनुमोदन हासिल हो गए हैं। ब्रिटेन सरकार के एक संघ ने ब्रिटेन के व्यापार, ऊर्जा एवं औद्योगिक रणनीति सचिव तथा भारती ग्लोबल के माध्यम से 650 लियो उपग्रहों के माध्यम से ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी सेवाओं की पेशकश के लिए एक अरब डॉलर इक्विटी राशि का निवेश किया है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि वनवेब का मुख्यालय ब्रिटेन में ही रहेगा और प्राथमिकता वाले स्पेक्ट्रम उपयोग अधिकारों के साथ नए अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रम तथा विनिर्माण को वैश्विक मंच उपलब्ध होगा।
ब्रिटेन एक नए वाणिज्यिक अंतरिक्ष औद्योगिक युग में सबसे आगे है और प्रौद्योगिकी एवं नवाचार पर तेजी से काम कर रहा है। कंपनी यह सुनिश्चित करेगी कि ब्रिटेन एवं वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय एवं अन्य विशेषज्ञों के साथ मिलकर अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों पर तेजी से काम किया जाए।भारती एंटरप्राइजेज के संस्थापक और अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल ने कहा, ‘ये रोमांचक समय हैं और दुनिया के पास अब काम करने के लिए लियो का विकल्प मौजूद है। हम इस नए अंतरिक्ष युग में प्रवेश करने के लिए लोगों के साथ साझेदारी करने की उम्मीद करते हैं। ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के लिए दुनिया भर में अनिश्चित मांग है और हम वनवेब के सामाजिक मिशन को जारी रखने का इरादा रखते हैं। हम सस्ती सेवा के साथ ही कम लेटेंसी वाली ब्रॉडबैंड सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अपने संयुक्त उद्यम की सुविधाओं का उपयोग करेंगे।’
मित्तल ने कहा, ‘ब्रिटेन सरकार को साझेदार के तौर पर रखते हुए हमने माना है कि वनवेब के पास बहुमूल्य वैश्विक स्पेक्ट्रम अधिकार हैं और हमें फिलहाल कक्षा में स्थापित किए जा चुके उपग्रहों के चलते निवेश की गई राशि से 3.3 अरब डॉलर का लाभ हुआ है।’
