सॉफ्टबैंक के निवेश वाली फर्म ओला ने भू-स्थानिक सेवाएं प्रदान करने वाली अग्रणी कंपनी जियोस्पॉक का अधिग्रहण किया है। जियोस्पॉक के सह-संस्थापक ध्रुव रंजन सहित भू-स्थानिक वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों की टीम अब ओला में शामिल होगी ताकि ऐसी प्रौद्योगिकी विकसित की जा सके जो मोबिलिटी को सार्वभौमिक तौर पर सुलभ, टिकाऊ, व्यक्तिगत एवं सुविधाजनक बनाने में मदद करे। ओला ने इस सौदे की रकम का खुलासा नहीं किया है।
ओला के चेयरमैन एवं ग्रुप सीईओ भवीश अग्रवाल ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, ‘धु्रव (रंजन) और उनकी टीम के ओला में शामिल होने से मैं काफी रोमांचित हूं। मैं भारत में दुनिया के लिए अगली पीढ़ी की लोकेशन तकनीक विकसित करने के लिए तत्पर हूं।’
अग्रवाल ने कहा कि मोबिलिटी लोगों की आवाजाही के तरीके में उल्लेखनीय बदलाव लाएगी। नए वाहन एवं परिवहन के नए साधन हमारे दैनिक जीवन में बदलाव ला सकते हैं। इन बुनियादी बदलावों के लिए अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी में निवेश करने की आवश्यकता है। इन प्रौद्योगिकी में लोकेशन एवं भू-स्थानिक तकनीक और उपग्रह तस्वीरों को 3डी, एचडी एवं वेक्टर मैप सहित रियल-टाइम मानचित्रों में परिवर्तन के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी शामिल हैं।
अग्रवाल ने कहा, ‘हम जियोस्पॉक के अधिग्रहण के साथ ही उस ओर अपना पहला कदम बढ़ा रहे हैं।’ आगामी वर्षों में व्यक्तिगत मोबिलिटी की पहुंच देश की 50 से 100 फीसदी आबादी तक पहुंचने की उम्मीद है। ऐसे में कई तरह के सुधार के लिए नक्शों की आवश्यकता होगी।
मल्टी-मॉडल परिवहन विकल्पों के लिए भू-स्थानिक बुद्धिमत्ता की आवश्यकता होगी ताकि प्रत्येक विकल्प के अनोखे लाभ को समझा जा सके और उसी के अनुरूप सुझाव दिया जा सके। नक्शे के जरिये पूरी दुनिया की एक त्रिआयामी तस्वीर तैयार करने की जरूरत होगी।